होगी कार्रवाई: पति ने ही खोल दी नकली जाति प्रमाणपत्र की पोल
- पीडीएमसी में पदस्थ डाक्टर पत्नी से हुए तलाक से था आहत
- गाडगेनगर थाने में महिला डाक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, अमरावती। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर कोटे से राजस्थान के उदयपुर से डाक्टर की पढ़ाई कर पीडीएमसी अस्पताल में कई साल तक असिसटेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत रही डाक्टर का प्रेेम विवाह के बाद तलाक हुआ तो आहत होकर पति ने पत्नी के नकली जाति प्रमाणपत्र की शिकायत जांच पड़ताल समिति से की। जांच में महिला डाक्टर का पर्दाफाश हुआ। तब शुक्रवार की शाम डा. पंजाबराव देशमुख अस्पताल के उप अधिष्ठा रविशेखर जयकृष्णसिंह ने गाडगेनगर थाने में शिकायत की। पुलिस ने महिला डाक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
गाडगेनगर के उवर्शी नगर निवासी संजयसिंह चव्हाण ने दो महीने पहले जाति जांच पड़ताल समिति को आवेदन दिया था कि उनकी पत्नी ने नकली जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर उसके जरिए पढ़ाई कर नौकरी कर रही है। तब पीडीएमसी में 2003 से असिसटंेट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत महिला डाक्टर की जाति जांच पड़ताल समिति ने की। तब चौंकानेवाला मामला सामने आया कि महिला डाक्टर ने 2003 के पहले राजस्थान के उदयपुर में डाक्टर ऑफ फिलॉसफी में पढ़ाई की। परंतु नकली जाति प्रमाणपत्र तैयार कर कोटे से पढ़ाई कर नौकरी हासिल की। समिति ने इस मामले में जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जाति जांच पडताल समिति के आदेश पर पीडीएमसी के उप अधिष्ठा रविशेखर जयकृष्णसिंह ने शुक्रवार को गाडगेनगर थाने में शिकायत की। पुलिस ने महिला डाक्टर के खिलाफ धारा 419, 420, 465, 467, 468, 471, जांच पडताल अधिनियम 11 (1)(ख) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।