यूपी ने टेक होम राशन के लिए यूएन के साथ एमओयू साइन किया

यूपी ने टेक होम राशन के लिए यूएन के साथ एमओयू साइन किया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-09 06:33 GMT
यूपी ने टेक होम राशन के लिए यूएन के साथ एमओयू साइन किया
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लखनऊ, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश (यूपी) में टेक-होम राशन अब महिला स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से तैयार और आपूर्ति किया जाएगा। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस सहयोग के माध्यम से लगभग 200 महिला एसएचजी उद्यमों को 1,200 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर के साथ कारोबार करने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह 20 वर्षों में स्वयं सहायता समूह को मिले ऋण को लगभग दोगुना कर देगा।

उन्होंने कहा कि 18 जिलों, 204 ब्लॉकों और 42,228 आंगनवाड़ी केंद्रों को कवर करने वाले ग्रामीण आजीविका मिशन के व्यापक एसएचजी नेटवर्क के ब्लॉक-स्तर पर टेक होम राशन का स्थानीय उत्पादन शुरू करने की योजना है।

परियोजना के अंतर्गत 18 जिलों में ये प्रोजेक्ट चलेगा जिसमें अलीगढ़, अंबेडकरनगर, औरैया, बागपत, बांदा, बिजनौर, चंदौली, इटावा, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिजार्पुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर और उन्नाव शामिल हैं।

बाद में, सभी 75 जिलों के 825 ब्लॉकों को कार्यक्रम के तहत कवर करने का प्रस्ताव है।

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएचजी नेटवर्क प्रत्येक महिला को 240 दिनों की आजीविका प्रदान करने के लिए कम से कम 33.78 लाख लाभार्थियों तक पहुंचने में मदद करेगा।

स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोजेक्ट (एसवीईपी) के तहत 20,689 महिलाओं को छोटे उद्योगों से जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, यह विचार एक गरीब परिवार की महिला को एसएचजी से जुड़ने और क्षमता और वित्तीय क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाने में मदद करता है जो उन्हें गरीबी से बाहर निकालने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा, कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा।

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने केरल, राजस्थान और ओडिशा में एसएचजी से जुड़ी महिलाओं की मदद की है।

कार्यक्रम का उद्देश्य एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के तहत खाद्य आवश्यकता को पूरा करना भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से 3,000 महिला एसएचजी को उद्यमी बनने में मदद मिलेगी और 5,000 रुपये से 6,000 रुपये के बीच मासिक आय के साथ स्वरोजगार मिलेगा।

महिला एसएचजी ने महामारी के दौरान 94.26 लाख मास्क, 50,000 से अधिक पीपीई किट, 25.9 लाख स्कूल ड्रेस और करीब 14,000 लीटर सैनिटाइजर तैयार किए हैं।

--अईएएनएस

वीएवी-एसकेपी

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