ट्विटर ने भारत में उनके स्टाफ की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की, नए आईटी नियमों के पालन के लिए तीन महीनों का समय मांगा

ट्विटर ने भारत में उनके स्टाफ की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की, नए आईटी नियमों के पालन के लिए तीन महीनों का समय मांगा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-27 08:20 GMT
ट्विटर ने भारत में उनके स्टाफ की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की, नए आईटी नियमों के पालन के लिए तीन महीनों का समय मांगा
हाईलाइट
  • कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित
  • दिल्ली पुलिस के दफ्तर पहुंचने पर ट्विटर ने कहा-
  • नए आईटी नियमों के पालन के लिए तीन महीनों का समय मांगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्विटर इंक ने भारत में उनके स्टाफ की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। बीते दिनों टूलकिट मामले में नोटिस सर्व करने के लिए दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने ट्विटर के ऑफिस का दौरा किया था। इसी घटनाक्रम के बाद ट्विटर की तरफ से ये बयान आया है। उन्होंने अपने यूजर्स के फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए संभावित खतरे पर भी चिंता जाहिर की है।

ट्विटर ने कहा, हमारी सर्विस पब्लिक बातचीत और कोरोना महामारी में लोगों के सपोर्ट के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। अपनी सर्विस को जारी रखने के लिए हम भारत में नए लागू कानून का पालन करने प्रयास करेंगे। लेकिन, जैसा हम दुनियाभर में करते हैं वैसे ही हम यहां भी ट्रांसपेरेंसी पर फोकस रखेंगे। हम हर आवाज को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। हम भारत में अपने कर्मचारियों के साथ हुए हाल की घटनाओं और जिन लोगों को हम सर्विस देते हैं उनके फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन से चिंतित है।

ट्विटर ने कहा, हमारे ग्लोबल टर्म्स ऑफ सर्विस के जवाब में जिस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की है, उससे सभी चिंतित है। नए आईटी नियम के भी कुछ कोर एलिमेंट्स से हम चिंतित है। ट्विटर ने कहा कि वह 26 मई से लागू हुए नए आईटी नियमों को लेकर सरकार से अपनी बातचीत जारी रखने का प्रयास करेगा। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री से तीन और महीने देने का आग्रह किया। नए नियमों में शिकायतों को निपटाने के लिए भारत में एक ग्रीइवेंस ऑफिसर की नियुक्ति शामिल है।

बता दें कि, दिल्ली पुलिस टूलकिट मामले में नोटिस देने के लिए सोमवार को ट्विटर के ऑफिस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो एक शिकायत की जांच कर रही है, जिसमें संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटिव फ्लैग करने पर सफाई मांगी गई है। पुलिस का कहना है कि लगता है ट्विटर के पास ऐसी कोई जानकारी है, जो हमारे पास नहीं है, जिसकी वजह से उन्होंने संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटेड करार दिया था।

गौरतलब है कि भाजपा के कई नेताओं ने ट्विटर पर एक टूलकिट शेयर की थी जिसमें कांग्रेस के लेटरपैड पर महामारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और सरकार को घेरने के तरीके बताए गए हैं। इसमें पीएम मोदी की छवि को खराब करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सहायता लेने और नए म्यूटेंट स्ट्रेन को "भारतीय स्ट्रेन" कहने को कहा गया है। वहीं सोशल मीडिया पर इसके लिए "मोदी स्ट्रेन" नाम उपयोग करने की सलाह दी गई है।  बीजेपी नेताओं के इस ट्वीट को ट्विटर ने मैनुपुलेटेड मीडिया कैटगरी में डाल दिया था।

टूलकिट में महाकुंभ के जरिए सरकार को घेरने के तरीके भी बताए गए हैं। इसमें कहा गया है कि हमेशा "सुपर स्प्रेडर कुंभ" शब्द का इस्तेमाल करना है ताकि लोगों को याद रहे कि इतनी परेशानी भाजपा की हिंदू राजनीति की वजह से हो रही है। इसमें पार्टी समर्थकों से सोशल मीडिया पर तस्वीरों के जरिए कुंभ को धर्म के नाम पर राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और ईद को खुशहाल सामाजिक सभा बताने को भी कहा गया है।

टूलकिट में यह भी कहा गया है कि इस संकट के बावजूद प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग कम नहीं हुई है और यह उनकी छवि को बर्बाद करने और लोकप्रियता को खत्म करने का समय है। इसके लिए मोदी या भाजपा समर्थक जैसे दिखने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स से मोदी की आलोचना करने और मीडिया की सहायता लेने को कहा गया है। 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना को "मोदी का निजी घर" कहने की सलाह भी दी गई है।

कांग्रेस ने इस टूलकिट को फेक बताया है और भाजपा पर उसके लेटरपैड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि जब देश कोविड से तहस-नहस हुआ पड़ा है, तब भाजपा राहत प्रदान करने की बजाय फेक न्यूज फैलाने में लगी हुई है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भाजपा को "बिल्कुल झूठ पार्टी" कहा। कांग्रेस ने मामले में नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।

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