SBI, IOB ने की MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती, सस्ते हुए लोन
SBI, IOB ने की MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती, सस्ते हुए लोन
- देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और इंडियन ओवरसीज बैंक ने मंगलवार को लोन की दरों में कटौती की है।
- दोनों ही बैंकों ने सभी टेन्योर्स के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी घटा दिया है।
- नई दरें 10 अप्रैल से यानी बुधवार से प्रभावी हो जाएंगी।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और इंडियन ओवरसीज बैंक ने मंगलवार को लोन की दरों में कटौती की है। दोनों ही बैंकों ने सभी टेन्योर्स के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी घटा दिया है। MCLR के घटने के ईएमआई कम हो जाएगी। नई दरें 10 अप्रैल से यानी बुधवार से प्रभावी हो जाएंगी।
स्टेट बैंक ने मंगलवार को जारी किए अपने स्टेटमेंट में कहा कि 1 साल की MCLR 8.55 फीसदी से घटकर 8.50 फीसदी कर दी गई है। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने एक साल और उससे ज्यादा टेन्योर वाले सभी लोन के लिए MCLR में 5 बेसिस पॉइंट यानी 0.05 फीसदी घटाकर 8.65 फीसदी कर दी है। पिछले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने MCLR में 0.05 प्रतिशत की कटौती 8.70 प्रतिशत कर दिया था।
MCLR की कटौती का मतलब है कि MCLR से लिंक सभी तरह के लोन पर ब्याज की दर 0.05 फीसदी घट जाएगी। इस तरह आपके लिए होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ता हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले सप्ताह अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती थी जिसके बाद बैंकों ने यह कदम उठाया है। फरवरी में भी RBI ने रेपो रेट में इतने ही बेसिस पॉइंट की कटौती की थी।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के निर्देश पर लेंडिंग रेट का नया फॉर्मूला MCLR सभी बैंकों से एक अप्रैल, 2016 से लागू किया था। यह फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है। इस फॉर्मूले से कस्टमर को सबसे बड़ा फायदा यह है कि जैसे ही आरबीआई रेट में कटौती करता है वैसे ही बैंकों को अपना इंटरेस्ट रेट कम करना पड़ता है।इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।