Reserve Bank of India: रेपो रेट 5.15 फीसदी रखा, जीडीपी वृद्धि दर 6% रहने का अनुमान
Reserve Bank of India: रेपो रेट 5.15 फीसदी रखा, जीडीपी वृद्धि दर 6% रहने का अनुमान
- 2020-21 में 6% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
- रिवर्स रेपो दर को भी 4.90 फीसदी पर
- रेपो रेट लगातार दूसरी बार 5.15% पर स्थिर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने महंगाई की बढ़ती दरों को ध्यान में रखते हुए इस बार रेपो रेट (ब्याज दर) में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट (repo rate) में बदलाव नहीं किया। इसे 5.15% पर बरकरार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो दर को भी 4.90 फीसदी पर रखा गया है। रेपो रेट के अलावा अन्य दरें भी स्थिर रखी हैं। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI monetary meeting) बैठक के तीन बाद आरबीआई ने गुरुवार को फैसलों का ऐलान किया।
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खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी और भविष्य में अनिश्चितता को देखते हुए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया। दिसंबर की बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इससे पहले लगातार 5 बार कटौती करते हुए रेपो रेट में 1.35% कमी की थी। आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ 6% रहने का अनुमान जारी किया है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 5% ग्रोथ का पिछला अनुमान ही बरकरार रखा है।
गौरतलब है कि दिसंबर महीने में देश की खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी, जिसे देखते हुए केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दरों मंे कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। हालांकि, आगे महंगाई दर में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है, फिर भी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी ने रेपो रेट को यथावत रखा है। नया साल 2020 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर में नरमी रहने से एमपीसी को नीतिगत फैसले में लेने में सहूलियत होगी। हालांकि, राजकोषीय घाटा की बात करें तो आम बजट 21 में निर्धारित लक्ष्य के पार 3.5 फीसदी राजकोषीय घाटा रहने की उम्मीद जताई गई है जबकि चालू वित वर्ष में 3.8 फीसदी रहने का अनुमान है। इसका भी असर एमपीसी के फैसले पर पड़ा है।