Petrol- Diesel Price: बढ़ता जा रहा है आमजन की जेब पर भार, राज्य और केंद्र सरकार का भारी टैक्स भी है बड़ी वजह
Petrol- Diesel Price: बढ़ता जा रहा है आमजन की जेब पर भार, राज्य और केंद्र सरकार का भारी टैक्स भी है बड़ी वजह
- छह राज्यों में 100 रुपए/L के पार पहुंचा पेट्रोल
- डीजल की कीमतों में 54 फीसदी हिस्सा टैक्स का
- पेट्रोल की कीमतों में 60 फीसदी हिस्सा टैक्स का
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ोतरी कीमतों ने आमजन की जेब का भार बढ़ा दिया है। यह भार निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। फिलहाल आज (08 जून, मंगलवार) भारतीय तेल विपणन कंपनियों (IOC, HPCL BPCL) ने ईंधन के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन जानकारों की मानें तो ईंधन के रेट आगे भी बढ़ते रहेंगे। आपको बता दें कि इन दिनों छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश (राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लद्दाख) में प्रेटोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है।
पेट्रोल- डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते ऐसा हो रहा है। जहां कच्चे तेल की कीमत 70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से अधिक है। प्रधान का कहना है कि भारत 80 फीसदी तेल आयात करता है, यही वजह है कि उपभोक्ताओं पर असर पड़ता है।
मेहुल चोकसी बोला- मेडिकल ट्रीटमेंट लेने के लिए भारत छोड़ा था
चुनाव के दौरान घटने लगी थीं कीमतें
लेकिन बात की जाए विधानसभा चुनाव की तो, इन दिनों कच्चे तेल बाजार में तेजी का रुख था, लेकिन पेट्रोल- डीजल के दाम नहीं बढ़े। बल्कि सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन के दाम में कई दफा कटौती की और अधिकांश दिन कीमतों को स्थिर रखा था। जबकि नियमानुसार देशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं।
किसी के पास नहीं भार कम करने का तरीका
कुल मिलाकर देखा जाए तो, आमजनता की जेब पर इस भार को कम करने का कोई तरीका ना तो केंद्र और ना ही राज्य सरकारों के पास दिखाई दे रहा है। जबकि पेट्रोल- डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों में केंद्र और राज्य सरकारों का भारी टैक्स लगा होता है। पेट्रोल की कीमतों में 60 फीसदी हिस्सा सेंट्रल एक्साइज और राज्यों के टैक्स का होता है, वहीं डीजल में ये 54 फीसदी होता है। रुपए में आंकका जाए तो, पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपए प्रति लीटर है, जबकि डीजल पर 86.65 रुपए प्रति लीटर है।
रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार
महानगरों में पेट्रोल- डीजल की कीमतें
देश के महानगरों की बात की जाए तो, इंडियन ऑयल (Indian Oil) की वेबसाइट के अनुसार आज देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.31 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। यहां डीजल की कीमत 86.22 रुपए प्रति लीटर है। जबकि मुंबई में पेट्रोल 101.52 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.98 रुपए प्रति लीटर है।
कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल के लिए 95.28 रुपए चुकाना पड़ रहे हैं, जबकि यहां डीजल के लिए 89.07 रुपए देना होंगे। यही हाल चैन्नई का भी है जहां पेट्रोल 96.71 रुपए प्रति लीटर और डीजल 90.92 रुपए प्रति लीटर है। इसे सब अलग बात की जाए मध्यप्रदेश की तो यहां की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 103 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है, दिल्ली की तुलना में यह करीब 8 रुपए अधिक महंगा है।