जियो प्लेटफॉर्म ने दुनिया में पहली बार सबसे अधिक निरंतर धन अर्जित किया

जियो प्लेटफॉर्म ने दुनिया में पहली बार सबसे अधिक निरंतर धन अर्जित किया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-13 17:30 GMT
जियो प्लेटफॉर्म ने दुनिया में पहली बार सबसे अधिक निरंतर धन अर्जित किया

नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। कोरोना वायरस की चुनौतियों की बीच मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश एक लाख करोड़ को पार कर गया है। ग्लोबल अल्टरनेटिव एसेट फर्म टीपीजी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में 0.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 4,546.80 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

यह पिछले सात सप्ताह में जियो में यह नौवां निवेश है। इसके साथ ही आठ सप्ताह से भी कम समय में जियो में सम्मिलित निवेश एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।

पिछले आठ हफ्तों के दौरान हुए नौ निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 21.99 प्रतिश्त इक्विटी के लिए कुल 1,02,432.45 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। यह निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला और सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया था। पिछले रविवार को ही अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भी जियो में निवेश की घोषणा की थी।

कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक अनूठा रिकॉर्ड भी बन गया है। यह दुनिया में कहीं भी किसी भी कंपनी द्वारा निरंतर जुटाई गई सबसे बड़ी धनराशि है। इसका काफी महत्व भी है, क्योंकि यह वैश्विक लॉकडाउन के बीच किया गया निवेश है, जो स्पष्ट रूप से भारत की डिजिटल क्षमता और जियो की व्यापार रणनीति को दर्शाता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को एक बयान में कहा कि टीपीजी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 0.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले यह निवेश किया है। कंपनी ने कहा कि इस सौदे में जियो प्लेटफॉर्म्स का शेयर मूल्यांकन 4.91 लाख करोड़ रुपये और उपक्रम मूल्यांकन 5.16 लाख करोड़ रुपये किया गया है।

जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। यह अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी कंपनी देश को एक डिजिटल समाज के रूप में विकसित बनाने के लक्ष्य से जुटी हुई है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल ऐप, डिजिटल इकोसिस्टम और देश के नंबर-1 हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बनी रहेगी।

टीजीपी एक प्रमुख वैश्विक एसेट फर्म है, जिसकी स्थापना 1992 में 79 अरब डॉलर से अधिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के साथ हुई थी, जिसमें निजी इक्विटी, ग्रोथ इक्विटी, रियल एस्टेट और पब्लिक इक्विटी शामिल हैं। टीपीजी ने 25 वर्षों से अधिक के इतिहास में दुनिया भर में सैकड़ों पोर्टफोलियो कंपनियों का एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित किया है। वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों में इसके निवेश में एयरबीएनबी, उबेर और स्पॉटिफाई शामिल हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी इस निवेश पर कहा, आज एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में टीजीपी का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है, जो एक डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से भारतीयों के जीवन को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों के हमसफर होंगे। हम टीपीजी के वैश्विक प्रौद्योगिकी व्यवसायों में निवेश के ट्रैक रिकॉर्ड से प्रभावित हैं, जो सैकड़ों करोड़ उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के साथ काम करते हैं और बेहतर समाज बना रहे हैं।

टीपीजी के सह-सीईओ जिम कोल्टर ने कहा, हम जियो में निवेश के लिए रिलायंस के साथ भागीदारी करके उत्साहित महसूस कर रहें हैं, क्योंकि जियो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बदल रहा है।

-- आईएएनएस

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