Aadhaar-Ration Card Linking: राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख सितंबर तक बढ़ी
Aadhaar-Ration Card Linking: राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख सितंबर तक बढ़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सरकार ने पीडीएस के करोड़ों लाभार्थीियों को राहत की खबर दी है। राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी गई है। अब आधार से जुड़े नहीं होने के बावजूद भी लाभार्थियों को राशन कार्ड पर राशन मिलता रहेगा। मंत्रालय ने कहा है, सितंबर तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड इस वजह से रद्द नहीं किया जाएगा कि उसने राशन कार्ड को आधार नंबर से लिंक नहीं कराया है।
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोमवार को यह स्पष्टीकरण बिहार में आधार नंबर नहीं होने की वजह से राशन कार्ड निरस्त होने संबंधी एक खबर पर दिया। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि, 30 सितंबर से पहले तक किसी भी सही लाभार्थी को सिर्फ इस वजह से खाद्यान्न के कोटे से वंचित नहीं किया जाएगा कि उनका राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा नहीं है। सिर्फ इस आधार पर किसी भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया जा सकता है और न ही राशन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है।
23.5 करोड़ राशन कार्ड में से 90 फीसदी आधार से जुड़े
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा, मौजूदा संकट के दौरान व्यावहारिक नजरिया रखने की जरूरत है, ताकि कोई गरीब और योजना के योग्य लाभार्थी परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित न रहे। विभाग ने बताया, केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से कुल 23.5 करोड़ राशन कार्ड में से तकरीबन 90 फीसदी कार्ड को पहले ही आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है, जबकि पीडीएस के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों में से 85 फीसदी के आधार नंबर उनके संबंधित राशन कार्ड से जोड़े जा चुके हैं।
"एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड" पर अमल की तैयारी
बता दें कि, महामारी के बीच केंद्र सरकार 1 जून से देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में "एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड" योजना को अमल में लाने की तैयारी में है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने यह जानकारी दी थी। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा था कि वह "एक राष्ट्र एक राशन कार्ड" योजना अपनाने पर विचार करे जिससे लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके।