मार्च के बाद ऊंचे स्तर पर कच्चा तेल, क्या 50 डॉलर के पार जाएगा ब्रेंट, क्या कहते हैं उर्जा विशेषज्ञ!

मार्च के बाद ऊंचे स्तर पर कच्चा तेल, क्या 50 डॉलर के पार जाएगा ब्रेंट, क्या कहते हैं उर्जा विशेषज्ञ!

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-24 09:00 GMT
मार्च के बाद ऊंचे स्तर पर कच्चा तेल, क्या 50 डॉलर के पार जाएगा ब्रेंट, क्या कहते हैं उर्जा विशेषज्ञ!
हाईलाइट
  • मार्च के बाद ऊंचे स्तर पर कच्चा तेल
  • क्या 50 डॉलर के पार जाएगा ब्रेंट
  • क्या कहते हैं उर्जा विशेषज्ञ!

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों से कच्चे तेल में इस महीने जबरदस्त उछाल आया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव मंगलवार को 46.69 डॉलर प्रति बैरल तक उछला जोकि मार्च के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, अमेरिकी क्रूड का भाव भी 44 डॉलर प्रति बैरल के करीब तक जा सकता है।

ब्रेंट क्रूड के दाम में इस महीने करीब 11 डॉलर प्रति बैरल की तेजी आ चुकी है और एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता की मानें तो मौजूदा तेजी को देखते हुए अगर भाव 50 डॉलर के पार चला जाए तो इसमें अचरच नहीं। गुप्ता ने कहा कि वैक्सीन की प्रगति और ओपेक द्वारा तेल के उत्पादन में कटौती दोनों से कच्चे तेल को सपोर्ट मिल रहा है जिससे ब्रेंट क्रूड 50 से 52 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक जा सकता है और डब्ल्यूटीआई का भाव 46 से 48 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।

हालांकि उर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा मौजूदा तेजी को टिकाऊ नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि ब्रेंट क्रूड के दाम में 40 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर कोई भी तेजी टिकाऊ नहीं है। इसके पीछे उनका तर्क है।

तनेजा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कोरोना का प्रकोप थमा नहीं है और इसकी रोकथाम के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर दुनिया के विभिन्न शहरों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध दोबारा लगाए गए हैं, जिनसे तेल की मांग प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की मौजूदा तेजी कोरोना वैक्सीन की उम्मीदों पर टिकी है, लेकिन मांग और आपूर्ति के जो फंडामेंटल्स हैं उनको देखते हुए यह तेजी बहरहाल टिकाऊ नहीं है।

उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि अप्रैल तक कच्चे तेल यानी ब्रेंट क्रूड का भाव 40 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ही रहेगा। हालांकि उनका मानना है कि वैक्सीन आने के बाद जब उसका असर दिखेगा और कोरोना के कहर पर लगाम लगेगी तो आगे दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी जिससे तेल की मांग बढ़ेगी।

तनेजा ने तेल की कीमतों में तेजी की एक और वजह बताई। उन्होंने कहा, अमेरिका में प्रशासन में बदलाव हुआ है जिससे ईरान से अमेरिका के संबंध सुधरने के आसार हैं और अगर ऐसा होता है तो ईरान का तेल बाजार में आ जाएगा जिससे आपूर्ति बढ़ जाएगी तो कीमतों पर दबाव आएगा।

फाइजर, मॉडर्ना और बायोनटेक के बाद आस्ट्राजेनेका द्वारा कोरोना वैक्सीन के परीक्षण की प्रगति की खबर आने के बाद कच्चे तेल के दाम में तेजी का रुख बना हुआ है।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में मंगलवार को पिछले सत्र के मुकाबले 1.11 फीसदी की तेजी के साथ 46.55 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 46.69 डॉलर तक उछला जोकि मार्च 2020 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इस महीने के निचले स्तर से बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव करीब 11 डॉलर प्रति बैरल उछला है। दो नवंबर को बेंट्र क्रूड का भाव 35.74 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था।

न्यूयार्क मकेर्टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 1.28 फीसदी की तेजी के साथ 43.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 43.74 डॉलर तक चढ़ा। दो नवंबर को डब्ल्यूटीआई का भाव 33.64 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था।

पीएमजे-एसकेपी

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