40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे ब्रेंट, सितंबर में 16 फीसदी टूटा डब्ल्यूटीआई
40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे ब्रेंट, सितंबर में 16 फीसदी टूटा डब्ल्यूटीआई
- 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे ब्रेंट
- सितंबर में 16 फीसदी टूटा डब्ल्यूटीआई
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। कोरोना का कहर गहराने से कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जोकि जून के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई की कीमत 36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड में बुधवार को लगातार छठे दिन नरमी के साथ कारोबार चल रहा था।
कोरोना का कहर दोबारा गहराने से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले असर से तेल की खपत मांग में नरमी की आशंका के बीच कीमतों में गिरावट आई है। बीते सत्र में ब्रेंट क्रूड पांच फीसदी से ज्यादा टूटा जबकि वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का भाव छह फीसदी से ज्यादा लुढ़का। सितंबर में अब तक डब्ल्यूटीआई का भाव करीब सात डॉलर प्रति बैरल यानी 16 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है जबकि ब्रेंट का भाव 15 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के सौदों में नरमी के साथ कारोबार चल रहा था।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बुधवार को पूर्वाह्न् करीब 11 बजे कच्चे तेल के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से छह रुपये की नरमी के साथ 2,699 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि बीते सत्र में एमसीएक्स पर कच्चे तेल के दाम में साढ़े छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 15 जून के बाद के सबसे निचले स्तर पर है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.20 फीसदी की कमजोरी के साथ 39.70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड का भाव 39.36 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा। वहीं, डब्ल्यूटीआई के अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.27 फीसदी गिरावट के साथ 36.66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 36.17 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी) अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते तेल की मांग में नरमी रहने की आशंका से कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा डॉलर में मजबूती आई है और सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको ने एशियाई देशों में तेल की बिक्री बढ़ाने के लिए कीमतों में कटौती की है, वहीं अमेरिका में तेल की मांग कमजोर है। उन्होंने बताया कि तेल की मांग नरम रहने और डॉलर में मजबूती से बीते एक सप्ताह में डब्ल्यूटीआई के दाम में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है।
बता दें कि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 2.75 करोड़ से अधिक हो गई है। वहीं इस बीमारी से अब तक 8.97 लाख लोगों की जान जा चुकी है।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा अपडेट के अनुसार, बुधवार की सुबह तक 27,570,742 मामले और 8,97,383 मौतें दर्ज हो चुकी थीं।
पीएमजे-एसकेपी