IPOs: बाजार में आएगी IPOs की बहार, 34 कंपनियां कतार में, निवेश का मिलेगा मौका
IPOs: बाजार में आएगी IPOs की बहार, 34 कंपनियां कतार में, निवेश का मिलेगा मौका
- 34 कंपनियां कतार में
- निवेश का मिलेगा मौका
- कोरोनावायरस ने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट किया
- बाजार में सुधार के बाद आने वाली है IPO की बाढ़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनावायरस के चलते किए गए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। मार्च में भारी गिरावट की वजह से निवेशकों के साथ-साथ उन कंपनियों ने भी हाथ खींच लिए जो आईपीओ लाने की तैयारी में थीं। लेकिन अब बाजार बड़ी गिरावट से उबर गए हैं। ऐसे में जिन कंपनियों ने बाजार की गिरावट को देखते हुए आईपीओ लाने के प्लान को टाल दिया था वो अब आईपीओ लाने की कतार में खड़ी हैं।
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक 34 कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी में हैं। इन 34 कंपनियों की मार्केट लिस्टिंग वैल्यू 33,516 करोड़ रुपये बैठती है। इन सभी कंपनियों को रेगुलेटरी मंजूरियां मिल चुकी हैं, उन्हें सिर्फ इंतजार है तो बाजार के बेहतर सेंटीमेंट्स का। इनमें से 7 कंपनियों को कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के बाद मंजूरी मिली है। ये 7 कंपनियां नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, स्टोव क्राफ्ट (रिफाइंड), यूटीआई एएमसी, बार्बेक्यु-नेशन हॉस्पिटेलिटी, लखीठा इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज और हैप्पी माइंड्स हैं। इन सातों IPOs की कुल वैल्यू 7610 करोड़ रुपये बैठती है, जो कि कुल पब्लिक ऑफर्स का 23 परसेंट है।
सिर्फ तीन कंपनियों के IPO ही ऐसे हैं जिन्हें अब भी सेबी की मंजूरी का इंतजार है। जिनकी कुल वैल्यू 1875 करोड़ रुपये है। ये कंपनियां है जयकुमार कंस्ट्रक्शन्स, ग्लैंड फार्मा और कल्याण ज्वेलर्स है। नियम के मुताबिक सेबी से मंजूरी के बाद कंपनी को एक साल के भीतर आईपीओ लॉन्च करना होता है। लेकिन कोरोना संकट की वजह से सेबी ने अप्रैल-2020 में 6 महीने का और छूट देने का ऐलान किया। इसलिए अब एक के बाद एक कंपनियां आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इसके पहले 2019 में 16 कंपनियों के IPO आए थे, जिसके जरिए सिर्फ 12,365 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
IPOs पर जिन पर निवेशकों की नजर