Remembering: जब सेट पर अमजद खान को लगी चाय की तलब, तब 'गब्बर' ने किया कुछ ऐसा कारनामा
Remembering: जब सेट पर अमजद खान को लगी चाय की तलब, तब 'गब्बर' ने किया कुछ ऐसा कारनामा
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड इंडस्ट्री में "गब्बर" के नाम से मशहूर एक्टर अमजद खान की आज बर्थ एनिवर्सरी है। अमजद ने कभी भी लीड एक्टर के तौर पर काम नहीं किया, लेकिन अपने विलेन और साइड रोल से ही उन्होंने सभी का मन मोह लिया। उनके द्वारा निभाया गया गब्बर का किरदार, उनके आइकॉनिक किरदारों में से एक है। जिसे आज भी लोग याद करते हैं। शोले, बॉक्स ऑफिस पर अपना शोला नहीं दिखा पाती, अगर उसमें अमजद खान, गब्बर का किरदार नहीं निभाते। बहुत कम लोग जानते हैं कि गब्बर के किरदार कि लिए अमजद खान पहली पसंद नहीं थे। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनसे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।
विलेन के रोल में भी अमजद ने अपने हर किरदार को खास बनाया। उनके द्वारा निभाए गए विलेन के किरदार को आज तक कोई धूमिल नहीं कर पाया। जब 27 जुलाई 1992 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा तो हमने बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर को इस दुनिया से खो दिया और उनके द्वारा निभाया गया गब्बर का किरदार फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा के लिए अमर हो गया।
अमजद खान दोस्ती निभाने में भी किसी से पीछे नहीं थे। अमिताभ के साथ उनकी गहरी दोस्ती थी। दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया थां दिलचस्प बात तो ये है कि जितनी फिल्मों में इन दोनों ने साथ काम किया उनमें से अधिकतर में अमिताभ हीरो रहे तो अमजद विलेन के किरदार में नजर आए।
फिर क्या था इस चाय की तलब को मिटाने के लिए अमजद ने अगले दिन सेट पर दो भैंसे लाकर बांध दीं और चाय वाले को हिदायत दी कि चाय बनती रहनी चाहिए। चाय की जैसी लत अमजद खान को थी, वैसी शायद किसी को भी नहीं होगी।
अमजद को चाय बहुत पसंद थी। वे एक दिन में करीब 30 कप चाय पी जाते थे। उन्हें जिस दिन चाय नहीं मिलती, उस दिन काम करना उनके लिए बहुत मुश्किल होता। ऐसा ही कुछ उस दिन हुआ, जब वे पृथ्वी थियेटर में जब वो एक प्ले की रिहर्सल कर रहे थे। उस दौरान उन्हें चाय नहीं मिली जिससे वो परेशान हो गए। सेट पर जब उन्होंने इस बारे में पूछा तो उन्हें बताया कि दूध खत्म हो गया है।
फिर कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने अमजद को इस किरदार के लिए चुन लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि इस फिल्म ने इतिहास रच दिया। इस किरदार की तरह अमजद की जिंदगी भी काफी रोचक रही है। उनकी कुछ ऐसी आदतें थी, ऐसे किस्से थे जो उनके दोस्तों के बीच और शूट्स पर काफी मशहूर थे।
फिल्म शोले में उनके किरदार की बात की जाए तो वे इस किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे। जावेद अख्तर, जिन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर फिल्म की कहानी लिखी थी, उन्हें अमजद खान की आवाज गब्बर के किरदार के हिसाब से दमदार नहीं लगी। वे इस किरदार के लिए डैनी को लेना चाहते थे।
अमजद खान का जन्म 12 नवम्बर को पेशावर में हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर में 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनका करियर करीब 20 साल लंबा रहा। अमजद के दो भाई इम्तियाज खान और इनायत खान भी एक्टर थे। फिल्मों में आने से पहले वो थिएटर आर्टिस्ट थे। उन्हें पहला रोल 1951 में आई फिल्म 'नाजनीन' में मिला था।