भारत में रजिस्टर्ड 21.70 लाख से अधिक ईवी, सूची में यूपी सबसे ऊपर
इलेक्ट्रिक वाहन भारत में रजिस्टर्ड 21.70 लाख से अधिक ईवी, सूची में यूपी सबसे ऊपर
- भारत में रजिस्टर्ड 21.70 लाख से अधिक ईवी
- सूची में यूपी सबसे ऊपर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि भारत में रजिस्टर्ड 21.70 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों में, उत्तर प्रदेश 4,65,432 ईवी के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र 2,26,134 और तीसरे नंबर पर दिल्ली 2,03,263 हैं। केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री 10,15,196 रही, जबकि पिछले वर्ष 2021 में यह 3,27,976 थी। चालू वर्ष में 15 मार्च तक कुल 2,56,980 ईवी रजिस्टर्ड किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने तीन योजनाओं के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों और निर्माताओं को प्रोत्साहन दिया है। सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के कुल बजटीय समर्थन के साथ 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए शुरू में फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को अधिसूचित किया। फेम-इंडिया स्कीम फेज-2 के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
इंसेन्टिव बैटरी क्षमता से जुड़ा है जो वाहन की लागत का 20 प्रतिशत कैप के साथ ई-3डब्ल्यू और ई-4डब्ल्यू के लिए 10,000 रुपये/केडब्ल्यूएच है। इसके अलावा, ई-2डब्ल्यू के लिए प्रोत्साहन/सब्सिडी को 10,000 रुपये/केडब्ल्यूएच से बढ़ाकर 15,000 रुपये/केडब्ल्यूएच कर दिया गया है, जिसमें 11 जून, 2021 से वाहन की लागत के 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।
सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को वाहनों के घरेलू विनिर्माण का समर्थन करने के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी। इस पीएलआई योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहन आते हैं। 12 मई, 2021 को सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ देश में एसीसी के निर्माण के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।
सोर्सः आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.