दुनिया के इस देश में है चमकती हुई गुफाएं

दुनिया के इस देश में है चमकती हुई गुफाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-09 08:21 GMT

 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आसमान में तारों की रोशनी या जुगनू की चमकती हुई रोशनी तो आपने कई बार देखी होगी। यहां तक कि समन्दर में रात के समय जल जीवों की वजह से आपको समन्दर के चमकने का भी आभास हुआ होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसी गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जो रात को चमकने लगती है। जी हां, ये गुफा न्यूजीलैण्ड के वाइटोमो गांव में स्थित है, जहां रात होते ही गुफा की छत पर तारे चमकते हुए दिखाई देते हैं। जानिए इन चमकते हुए तारों का राज।  

 

 

वाइटोमो केव

ग्लोवर्म एक ऐसा शब्द है जो हर उस कीड़े के लिए उपयोग होता है जिनके द्वारा रोशनी निकलती है। ये कीड़े बायोल्यूमिनेसेंस के माध्यम से प्रकाश उत्पन्न करते हैं। फायरफ्लाइज, बीटल्स, अरेकनोकेम्पा लुमीनोसा इस परिवार में फिट बैठते हैं इसके अलावा बाकी सभी कीड़े न्यूजीलैंड ग्लोवॉर्म के नाम से जाने जाते हैं।

 

 

दिन में कांच की तरह दिखते हैं

जैसा कि नाम से पता चलता है, न्यूजीलैंड ग्लोवॉर्म ऑस्ट्रेलियन तट के द्वीपों पर पाई जाने वाली गुफाओं की छत पर तारों कि तरह झूलते हैं। ये दिन मे कॅाच की तरह दिखते हैं। अन्य बायोल्यूमिनेसेंस कीड़े पीले-हरे प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं, लेकिन न्यूजीलैंड ग्लोवॉर्म रात मे नीले-हरे रंग का उत्पादन करते हैं।

 

 

इसीलिए चमकती है ये गुफा

वाइटोमो गुफा के ग्लोवॉर्म कीड़े असल मे कीड़े नहीं हैं। ये ग्नैट्स (छोटी और नाजुक मक्खियां) के बच्चे होते हैं जो फन्जाइ पर भोजन करते हैं। जैसे ही ये छोटी मक्खियां अन्डे से बाहर निकलने लगती हैं इनके द्वारा एक चिपचिपा वेब स्ट्रिंग छोड़ा जाता हैं जो गुफाओं की दीवार से चिपका हुआ रहता है। ये दिखने मे किसी रेशमी धागे की तरह लगता है।

 

 

इस वर्ष हुई थी खोज

इस गुफा की खोज 1880 में हुई थी। जिसके बाद से ये गुफाएं न्यूजीलैंड के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। स्थानीय लोग और पर्यटक इन गुफाओं में आकर इन कुदरती नजारों का आनंद लेते हैं। ये गुफाएं एक तरह का प्राकृतिक पार्क है। यात्रियों के लिए टूर गाइड, नाव की सवारी, और यहां तक ​​कि ब्लैक वाटर राफ्टिंग भी उपलब्ध है। 

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