नागपुर के इस तालाब का कछुआ है "चिकन' का शौकीन

नागपुर नागपुर के इस तालाब का कछुआ है "चिकन' का शौकीन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-29 13:02 GMT
नागपुर के इस तालाब का कछुआ है "चिकन' का शौकीन

सचिन मोखारकर , नागपुर । नाईक तलाब में सफाई के दौरान एक कछुआ पाया गया है, जिसकी उम्र 70 से 80 साल बताई जा रही है। उसे रेस्क्यू कर ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में लाया गया है। इसकी खासियत है कि यह भोजन में चिकन और मछली ज्यादा पसंद करता है। फल, सब्जी कम पसंद करता है। उसे रोज आधा किलो चिकन खिलाना पड़ रहा है। यह आदत उसे सावजी भोजनालय से लगी है। नाईक तालाब अंग्रेजों के शासनकाल के समय से है, तबसे वह उस तालाब में रह रहा है। उसकी लंबाई करीब 4 फीट और चौड़ाई भी उसी के आसपास है। तालाब के आस-पास खुले में सावजी भोजनालय का वेस्ट फेंकने से वह चिकन खाने का आदी बन गया है। यह जानकारी टीटीसी के अधिकारी ने दी है।

4 फीट लंबा-चौड़ा है
नाईक तालाब शहर के सुंदर तालाबों में से एक था। सफाई के अभाव में लगातार यहां कीचड़ और गंदगी होता गया, जिस यहां आस-पास के सावजी भोजनालय चलाने वालों से लेकर ठेले वाले वेस्ट मांस आदि फेकते थें। इसी तलाब में विशाल कछुआ रहता था, जो मांस को खाते रहता था। तालाब में बढ़ती गंदगी को देखकर इसकी सफाई का निर्णय लिया गया है। कीचड़ साफ करते हुए सभी को यहां यह कछुआ दिखाई दिया। उसके बाद उसका रेस्क्यू कर उसे टीटीसी में लाया गया, जहां उसे एक गड्ढे में रखा गया है। उसे खाने के लिए रोज फल, सब्जी आदि दिया जा रहा है, लेकिन कछुए को वह नहीं भा रहा है, क्योंकि उसे सावजी भोजनालय के चिकन की लत लगी हुई है। इसलिए उसे प्रतिदिन आधा किलो चिकन परोसा जाता है उसके बाद ही वह खाना खा रहा है।

100 वर्ष तक होती है उम्र
प्राथमिक तौर पर इसकी जांच करने पर पता चला है कि यह कछुआ लगभग 70 से 80 वर्ष का है। यहां ब्रिटिशकालीन समय से यह तालाब में रह रहा है। इसकी लंबाई करीब 4 फीट व चौड़ाई भी लगभग इतनी ही है। आमतौर पर कछुए की उम्र 100 वर्ष तक मानी जाती है। कुछ कछुए ही 150 वर्ष तक जीवित रहते हैं। ऐसे में यह कछुआ अब बुढ़ापे की उम्र में पहुंच गया है। इसे बारिश खत्म होने तक यहीं पर रखा जाने वाला है।

क्या खाते हैं, कछुए
कछुआ विभिन्न प्रकार के पौधे आधारित खाद्य पदार्थ पसंद करते हैं। कछुए की प्रजातियों के आधार पर पालतू कछुए के दैनिक आहार का लगभग 80% हिस्सा ताजी सब्जियां, फल जैसे केले, सिंहपर्णी, सरसों और कोलार्ड साग होना चाहिए। थोड़ी हरी या पीली शिमला मिर्च, शकरकंद, स्क्वैश या फूलगोभी भी खा लेते हैं।
 

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