वैज्ञानिकों को मिला सबसे प्राचीन पहिया, उम्र का पता लगते ही हैरान रह गए थे लोग
अजब-गजब वैज्ञानिकों को मिला सबसे प्राचीन पहिया, उम्र का पता लगते ही हैरान रह गए थे लोग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ये दुनिया कितनी पुरानी है, इसका अंदाजा आज तक कोई लगा नहीं पाया है, पर प्रचीन काल से जुड़ी बहुत सी चीजें शोधकर्ताओं को मिलती रहती हैं। जिससे यह तो पता चल ही जाता है कि इंसानी सभ्यता इस धरती पर कितनी पुरानी है। प्राचीन काल में इंसानों द्वारा किए गए कई आविष्कार आज भी वैज्ञानिकों को मिलते रहते है। इन आविष्कारों के माध्यम से शोधकर्ता ये पता लगाने की कोशिश करते है कि प्रचीन काल में इंसान खुद को कैसे विकसित करते थे।
मोहनजोदड़ो की सभ्यता हमारे बीच में एक अच्छा उदाहरण है कि प्रचीन काल में लोग कैसे रहा करते थे। साल 2002 में वैज्ञानिकों को एक प्राचीन लकड़ी का पहिया मिला था। जब वैज्ञानिकों ने इसकी उम्र जानने की कोशिश की तो हैरान रह गये थे। ये पहिया स्लोवेनिया की राजधानी लूबियाना से करीब 20 किलोमीटर दूर साउथईस्ट में मिला था।
5000 साल से ज्यादा पुराना था पहिया
वैज्ञानिकों ने जब इस पहिये पर रेडियोकार्बन से जांच कि तो हैरान रह गये क्योंकि पहिया 5,100 साल से लेकर 5350 साल पुराना था। इससे पहले मिले सभी पहियों से ये सब से ज्यादा पुराना था। इसलिए वैज्ञानिक और भी ज्यादा हैरान थे कि पहिये का अविष्कार और भी पहल हो चुका था। हालांकि पहिये हालत जर-जर है।
इन लकड़ियों से बना था पहिया
पहिये का निर्माण ओक और एश के पेड़ की लकड़ियों से मिलकर किया गया था। इस पहिये का रेडियस करीब 70 सेंटीमीटर है और 5 सेंटीमीटर मोटा था। पहिये के साथ एक्सल, वो डंडा जिस पर पहिये लगे होते हैं, भी मिला था। जो पहिये जितना ही पुराना था। उसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर के करीब थी। वैज्ञानिकों ने जानकारी दी थी कि पहिये को झुलसा दिया था, जिससे उस पर दीमक ना लगें।
स्लोवेनिया के एक्सपर्ट्स ने ये दावा किया था कि पहिया सिंगल एक्स कार्ट का था। ये पहिया यूरोप की सभ्यता का प्रतीक बताया जाता है और इसे जनता को दिखाने के लिए पहली बार साल 2013 में लूबियाना के सिटी म्यूजियम में रखा गया था।