15 करोड़ साल पहले भी होती थी सर्दी-खासी, डायनासोर भी होते थे इससे ग्रसित
अजब-गजब 15 करोड़ साल पहले भी होती थी सर्दी-खासी, डायनासोर भी होते थे इससे ग्रसित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हम इंसानों के लिए सर्दी-जुकाम-खांसी होना होना तो जैसे आम बात है। लेकिन क्या आप जानते है कि सिर्फ हम इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी इस बिमारी से ग्रसित होते हैं। 15 करोड़ साल पहले डायनासोर भी इस बीमारी से ग्रसित हुआ करते थे। उन्हें भी छींक-खांसी, बुखार यहां तक कि कई दिनों तक फेफड़ों के संक्रमण से परेशानी हुआ करती थी। पहली बार इस बात के सबूत मिले है।
मोंटाना के माल्टा स्थित ग्रेट प्लेन्स डायनासोर म्यूजियम में पैलियोंटोलॉजी के निर्देशक डॉ. कैरी वुडरफ ने बताया कि हमने 30 साल पहले खोजे गए जुरासिक काल के एक शाकाहारी और बेहद बड़े डायनासोर डिप्लोडोसिड (डॉली) के गर्दन की हड्डियों की जांच की। इस जांच की शुरुआत तब की गई जब डॉली के गर्दन की हड्डियों में छोटे-छोटे गोभी जैसी आकृतियां दिखाई दिए।
डॉ. कैरी ने बताया कि इसके पहले उन्होनें कभी ऐसी आकृतियां नहीं देखी थीं। जिसके बाद डॉ. वुडरफ ने सोशल मीडिया पर इन आकृतियों की तस्वीरें डाल दीं। जिसके बाद कई वैज्ञानिकों के जवाब आए और कई इस स्टडी में शामिल भी हुए। जिन्होंने जांच करके बताया कि यह सर्दी-जुकाम या रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की वजह से होने वाले लक्षण है।
साइंटफिक रिपॉर्ट जर्नल के मुताबिक वैज्ञानिकों ने बताया कि आधुनिक पक्षियों की गर्दन का बारीक सीटी स्कैन अगर देखा जाए तो उनके गर्दन पर भी ऐसी गोभी जैसी आकृतियां दिखती हैं।
जिस स्थान पर ये आकृतियां दिखाई दी, वह स्थान सांस लेने वाली प्रणाली के करीब थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि हम इंसानों में भी सर्दी जुकाम होने पर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं। डॉ. वुडरफ ने बताया कि डॉली सर्दी जुकाम एसपरजिलोसिस (Aspergillosis) नाम के मोल्ड कणों को सूंघने की वजह से हो सकता है जिसकी वजह से वह कमजोर हो चुकी थी।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में पैलियोंटोलॉजी एंड इवोल्यूशन के प्रोफेसर स्टीव ब्रुसेट कहते हैं कि हमें डायनासोरों की बीमारियों के बारे में बहुत कम पता है। हमें तब तक कुछ पता नहीं चल सकता जब तक हड्डियों पर कोई निशान न मिले। डॉली की गर्दन पर निशान मिले, तब पता चल पाया कि उसे फेफड़े से संबंधित बीमारी थी, उसे सांस लेने में दिक्कत और सर्दी जुकाम व बुखार था।