2 साल के बच्चे के प्रायवेट पार्ट्स में दिखे बदलाव, इस उम्र में ही दिखे जवानी के लक्षण
अजब -गजब 2 साल के बच्चे के प्रायवेट पार्ट्स में दिखे बदलाव, इस उम्र में ही दिखे जवानी के लक्षण
डिजिटल डेस्क,भोपाल। ब्रिटेन में मेडिकल साइंस को चोका देने वाला मामला सामने आया है। यहां दो साल के एक बच्चे में प्यूबर्टी के लक्षण दिखने लगे हैं। यह नॉर्मल बात नहीं है। इस बच्चे में लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो एक 16 साल के लड़के में दिखते हैं। इस बच्चे का वजन 12 किलो है। पर इस वजन की वजह इस का फैट नहीं, बल्कि मांसपेशियां हैं। दो साल के बच्चे के साथ ऐसा होना कोई आम बात नहीं है।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, किसी लड़के या लड़की में मैच्योरिटी के लक्षण 12 से 16 साल की उम्र दिखने लगते हैं। इस उम्र लड़के या लड़की के शरीर में बदलाव नजर आते हैं। लेकिन, इस बच्चे में 2 साल की उम्र में ही ऐसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टरों ने इसे एक अनोखा मामला माना है।
ब्लड टेस्ट से हुआ खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है, कि बच्चे का ब्लड टेस्ट कराया गया था। जब रिपोर्ट आई तो बच्चे में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का स्तर काफी ज्यादा पाया गया। यह हार्मोन वयस्क पुरुषों में बनता है, लेकिन एक बच्चे में हार्मोन का स्तर इतना ज्यादा मिलना चौंकाने वाली बात है।
A 2-year-old boy showed signs of puberty – growing pubic hair and developing a larger penis – after he was exposed to his dad"s testosterone gel.https://t.co/1JKuYSrdBj
— IFLScience (@IFLScience) June 17, 2022
डॉक्टरों का मानना
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की यह स्थिति ऑर्टिफिशियल टेस्टोस्टोरॉन के संपर्क में आने की वजह से हुई हैं। यह इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि बच्चे के पिता को टेस्टिस से जुड़ी बीमारी है। इसके लिए वह रोजाना स्किन पर टेस्टोस्टेरॉन जेल का इस्तेमाल कर रहे थे। डॉक्टरों ने बताया कि टेस्टोस्टेरॉन का इस्तेमाल करने के लिए इसे कंधे, बांहों या पेट पर लगाना होता है। फिर कुछ देर बाद स्किन इसे सोख लेती है। ‘ऐसा हो सकता है कि पिता ने इसे लगाया हो और फिर वो बच्चे के संपर्क में आया हो। इसलिए इस जेल का असर बच्चे पर भी दिख रहा है।
क्या होती है प्यूबर्टी?
जिस उम्र में प्रजनन अंग विकसित होने शुरू हो जाते हैं। इसे प्यूबर्टी कहा जाता है। प्यूबर्टी आते ही बच्चों में शारीरिक बदलाव होने लगते हैं। लड़कियों में 10-14 साल और लड़कों में 12-16 साल के बीच में यह बदलाव होते हैं। हर बच्चा इस प्रकिया से गुजरता है, हालांकि, बच्चे यह नहीं समझता कि वे किस दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि बच्चों को प्यूबर्टी के बारे में जरूर बताएं।