कोरोना फैलाने के जिम्मेदार ‘चमगादड़’ को मिली नई पहचान, नया नाम मिलते ही शुरू हुआ विवाद

नई पहचान कोरोना फैलाने के जिम्मेदार ‘चमगादड़’ को मिली नई पहचान, नया नाम मिलते ही शुरू हुआ विवाद

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-02 13:46 GMT
कोरोना फैलाने के जिम्मेदार ‘चमगादड़’ को मिली नई पहचान, नया नाम मिलते ही शुरू हुआ विवाद
हाईलाइट
  • कोरोना फैलाने वाला चमगादड़ अब बर्ड ऑफ द ईयर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  चमगादड़ रात को संकेतों के आधार पर विचरण करने वाला जीव है। दो सालों से इस जीव को लेकर बहुत बहस चल रही है। कोरोना महामारी के लिए इस जीव को बहुत हद तक जिम्मेदार माना जाता है। इस बीच इस स्तनधारी जीव चमगादड़ को एक ऑनलाइन पोल के माध्यम से ‘बर्ड ऑफ द ईयर’ के सम्मान से सम्मानित किया गया है। 

न्यूजीलैंड में टेल्ड बैट यानी लंबी पूंछ वाला चमगादड़ पाया जाता है। इसे स्थानीय भाषा में पेकापेका-तोउ-रोड नाम से जाना जाता है। वर्तमान में चमगादड़ की यह प्रजाति गंभीर खतरे से गुजर रही है। इसी पक्षी को यह सम्मान दिया गया है।

चमगादड़ के सम्मान के चलते सोशल मीडिया पर बहुत से लोग नाखुश भी हो गए हैं। उनका कहना है कि अब न्यूजीलैंड चमगादड़ों का देश हो गया है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि चमगादड़ को यह सम्मान देना सही नहीं है। उनका कहना है कि बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड में धोखाधड़ी की गई है। कुछ लोगों का कहना है कि चमगादड़ों का पीआर सम्बन्ध है। क्योंकि पिछले दो वर्षों से उनकी बदनामी जारी थी। 

बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड को आयोजित करने वाली संस्था फॉरेस्ट एंड बर्ड ने स्पष्ट किया है कि चमगादड़ को यह सम्मान देकर हम कोरोना वायरस को लेकर उसकी खराब इमेज को सुधारने की कोशिश नहीं करना चाहते हैं। संस्था की प्रवक्ता का कहना है कि लोगों ने वोटिंग की है, उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। वोट प्रीडेटर कंट्रोल, हैबिटेट रेस्टोरेशन और क्लाइमेट एक्शन के आधार पर ही किया जाता है। साथ ही यह भी देखना होता है किसी जीव को किस प्रकार से बचाया जा सके।

बता दें कि न्यूजीलैंड में बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड समारोह इसलिए आयोजित किया जाता है ताकि वहां समाप्ति की कगार पर पहुंच चुके जीवों की प्रजातियों को बचाया जा सके और उन्हें उचित आश्रय स्थल देने के लिए जागरूकता फैलाई जा सके। यह लंबी पूंछ वाला चमगादड़ असलियत में मात्र अंगूठे के आकार के बराबर होता है। इस चमगादड़ ने न उड़ने वाले तोते यानी फ्लाइटलेस पैरट को हराकर यह सम्मान प्राप्त किया है। इस ऑनलाइन पोल में कुल 56,700 लोगों ने वोट किये, जिसमें से 7 हजार से ज्यादा वोट इस चमगादड़ को मिले।

यह पहली बार नहीं हुआ है कि बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड विवादों में रहा हो। इससे पहले भी वर्ष 2019 में वोटिंग के दौरान कई वोट रूस से हुए थे जिसके कारण वोटिंग में धोखाधड़ी की आशंका जतलाई गई थी। वहीं इस बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड के आयोजनकर्ताओं का कहना है कि वोट करने वाले रूस के लोग कोई हैकर नहीं थे वह तो पक्षी प्रेमी थे।

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