बाजीराव पेशवा के इस महल में आज भी दफन है लाशें, रात होते ही भटकने लगती है आत्माएं
बाजीराव पेशवा के इस महल में आज भी दफन है लाशें, रात होते ही भटकने लगती है आत्माएं
डिजिटल डेस्क। हमारे देश में आज भी कई जगह ऐसी हैं, जहां अंधविश्वास पर यकीन किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में ही बताने जा रहे हैं। दरअसल इस जगह का नाम है शनिवार वाड़ा, इस महल का निर्माण 1746 ई. में बाजीराव ने कराया था। बताया जाता है कि सत्ता की लालच में आनंदीबाई ने पेशवा के राजकुमार की हत्या करवाई थी। तब से उनकी आत्मा यहां भटकती रहती है। रात के अंधेरे में वाड़े से अजीबो-गरीब आवाजें आती रहती हैं।
लोगों का कहना है कि, यहां आज भी आत्माएं भटकती रहती हैं। महल से एक दर्द भरी आवाज भी आती रहती है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक महल में राजकुमार नारायण राव की भी आत्मा भटकती है। क्योंकि सत्ता के लालच में पेशवाओं के राजकुमार की हत्या उनकी ही चाची आनंदीबाई ने करवाई थी। वह उनके राजकुमार बनने से खुश नहीं थी।
बाजीराव की ओर से बनाया गया यह महल महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। इस महल की नींव शनिवार के दिन 10 जनवरी 1730 में बाजीराव प्रथम ने रखी थी। इसी के चलते इसे शनिवार वाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शनिवार वाड़ा को बनाने में 16 हजार रुपए की लागत आई थी। बताया जाता है 1828 ई. में शनिवार वाड़ा में एक दिन अचानक आग लग गई थी। इससे महल का एक बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया था। तब से इस जगह को शपित माना जाता है।