अजब-गजब: दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट, जहां विमान उतारना है बेहद खतरनाक
अजब-गजब: दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट, जहां विमान उतारना है बेहद खतरनाक
डिजिटल डेस्क। आपने कई ऐसे एयरपोर्ट देखे होंगे, जो काफी खूबसूरत हैं। उनकी खूबसूरती अक्सर आपको अपनी ओर खींच ले आती है। लेकिन आज हम आपको दुनिया के कुछ एयरपोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बेहद ही खतरनाक हैं। इन हवाईअड्डों पर विमान लैंड कराते या टेक-ऑफ कराते समय पायलट भी सौ बार सोचते हैं। कोई नया पायलट तो इन जगहों पर विमान उड़ाने की सोच भी नहीं सकता जबकि प्रशिक्षित पायलटों के लिए भी यह आसान नहीं होता। यही वजह है कि इन हवाईअड्डों को दुनिया के सबसे खतरनाक हवाईअड्डों में गिना जाता है।
नेपाल का तेनजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट उन्हीं खतरनाक हवाईअड्डों में से एक है। यह एयरपोर्ट हिमालय की चोटियों के बीच बसे लुकला शहर में है, जिसके रनवे की लंबाई महज 460 मीटर है। यहां सिर्फ छोटे विमान और हेलीकॉफ्टर की ही उतरने की इजाजत है। इस एयरपोर्ट के रनवे के उत्तर में पहाड़ की चोटियां हैं तो दक्षिण में 600 मीटर गहरी खाई। यही कारण है कि इस एयरपोर्ट को दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में से एक माना जाता है।
स्कॉटलैंड का बारा एयरपोर्ट भी कुछ कम नहीं है। यह एयरपोर्ट समुद्र के तट पर बना हुआ है, इसलिए जब भी समुद्र में ज्वार-भाटा आता है तो यह एयरपोर्ट पानी में डूब जाता है। यहां समुद्र में अक्सर तूफान आते रहते हैं, इस वजह से यहां विमान समुद्री तूफानों के हिसाब से ही लैंड या टेक-ऑफ कराए जाते हैं।
मालदीव के माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उड़ान भरना या विमान की लैंडिंग कराना पायलटों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। यह एयरपोर्ट समुद्री तट से केवल दो मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। खास बात ये है कि यह दुनिया का इकलौता ऐसा एयरपोर्ट है जो अलकतरा से बना हुआ है। यह एयरपोर्ट समुद्र के बीच में बना हुआ है। यहां पायलटों की एक छोटी सी चूक हवाई जहाज को सीधे हिंद महासागर में गिरा सकती है।
कैरेबियाई द्वीप साबा के जूयानको ई इरासकिन एयरपोर्ट पर विमान लैंड कराना कमजोर दिल वाले पायलटों के बस का नहीं है। यह दुनिया का सबसे छोटा रनवे है, जिसकी लंबाई करीब 396 मीटर है। यह रनवे एक पर्वतीय चट्टान पर बना है जो तीन ओर से समुद्र में घिरा है और एक तरफ पर्वतीय चोटी है। यहां पायलट की छोटी सी भी चूक विमान को समुद्र में डूबा सकती है।
अमेरिका का कोलोरेडो स्थित टेलूराइड रीजनल एटरपोर्ट 2,767 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां एक ही रनवे है, जो रॉकी पर्वत के एक हिस्से पर बना हुआ है। इसके सामने 300 मीटर की गहराई पर सान मिगुल नदी बहती है। यहां विमान उतारना रोंगटे खड़े कर देने वाला अनुभव होता है।
हांगकांग का काई टाक एयरपोर्ट भी बेहद खतरनाक एयरपोर्ट में से एक था। यहां साल 1925 से 1998 तक विमान उतरते और उड़ते रहे हैं, लेकिन अब इस एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। यह एयरपोर्ट इसलिए खतरनाक था, क्योंकि इसके दोनों तरफ ऊंची-ऊंची इमारतें थीं, जबकि आमतौर पर एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें बनाने की मनाही होती है। इसके अलावा इस एयरपोर्ट का रनवे भी काफी छोटा था।