एक बेहद खतरनाक मान्यता के आनुसार घोड़ों को धधकती आग में कुदा दिया जाता है। आईये जानते है इस विचित्र मान्यता को
अजब-गजब एक बेहद खतरनाक मान्यता के आनुसार घोड़ों को धधकती आग में कुदा दिया जाता है। आईये जानते है इस विचित्र मान्यता को
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में हर देश में हर धर्म की अलग-अलग मान्यताएं होती है। ये कुछ मान्यताएं है, जो सालों से चली आ रही है। कुछ धर्मों में इन मान्यताओं को अलग तरह से मनाया जाता है, पर सारी मान्यताओं का मतलब हर तरह से एक ही निकलता है। कुछ मान्यताएं देखकर हमें कई प्रश्न मन में आते है मगर, जो लोग इन मान्यताओं को मनाते है, उनके लिए ये मान्यताएं बहुत महत्व रखते है।
इसी तरह का एक अनोखा रिवाज स्पेन में मनाया जाता है, इस रिवाज में घोड़ों के मालिक उन्हें तेज आग में कुदवा देते है, इसे देखकर कई सारे प्रश्न मन में आते है। इस त्यौहार के बारे में गहराई में जाने तो ये त्यौहार सैन बार्टोलोम डी पिनारिस नाम के गांव में मनाया जाता है जो स्पेन में है। इस त्यौहार का नाम लास ल्युमिनारिएस है, जो सैंट एंथोनी नाम के एक संत की याद में मनाया जाता है।स्पेन के लोगों का मानना है कि सैंट एंथोनी जानवरों के रक्षक थे और उनका कहना है कि जानवरों को इसलिए आग में कुदाते है ताकि जानवरों को उनका आशीर्वाद मिले। ये त्यौहार उनकी याद में 17-18 जनवरी के दिन मनाया जाता है।
संत का आशीर्वाद लेने के लिए ऐसा किया जाता है
जश्न की शुरुआत में स्पैनिश बैगपाईप और ड्रम बजाए जाते है, फिर ढेर सारी टहनियों और सूखी लकड़ियों को जलाकर विशालकाय आग को जलाया जाता है। इसके बाद घोड़ों के मालिक उनके साथ आग को पार करते हुए उन्हें आग में धकेलते है, जिससे घोड़ों को सैंट एंथनी का आशीर्वाद मिलता है और गांव वालों का ये भी मानना है कि इससे घोड़े हमेशा स्वस्थ रहते है और वे पवित्र भी हो जाते है, साथ ही उन्हें बुरी नजर भी नही लगती। मान्यता में नही देखी जा रही जानवरों की सुरक्षा।
इस मान्यता का काफी समय से विरोध किया जा रहा है। एनिमल राईट एक्टिविस्ट का कहना है कि बेजुबान जानवरों की जान इस तरह जोखिम में डालने से कोई फायदा नही है। ऑब्जर्वेटरी ऑफ जस्टिस एंड एनिमल डिफेंस का कहना है कि जश्न के नाम पर जानवरों के साथ अत्याचार किया जा रहा है, मगर स्पेन में यही एक त्यौहार नही है जिसके जरिए जानवरों पर अत्याचार किया जा रहा है।
स्पेन में बुल फाइटिंग और अन्य त्यौहारों पर भी जानवरों के साथ ऐसा ही सुलूक किया जाता है। ऐसे में एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट की बात भी नही मानी जाती है। आग के आकार को बढ़ाते जा रहे है जैसे जैसे दर्शक ज्यादा संख्या में आने लगे आग का आकार भी बढ़ता जा रहा है। वहां के लोगों का मानना है कि आग से निकलकर आने के बाद जानवरो पर चोट का कोई निशान नही होता है।