चंद्रपुर के ऐतिहासिक प्रवेश द्वार दुर्दशा के शिकार

Victims of the plight of the historical entrance gate of Chandrapur
चंद्रपुर के ऐतिहासिक प्रवेश द्वार दुर्दशा के शिकार
नहीं दिया जा रहा ध्यान चंद्रपुर के ऐतिहासिक प्रवेश द्वार दुर्दशा के शिकार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  चंद्रपुर शहर को गोंडराजा की गोंडकालीन ऐतिहासिक विरासत प्राप्त है, यह विरासत शहर की आन-बान-शान है। इस विरासत का इतिहास समझने तथा देखने कई इतिहास प्रेमी व पर्यटक चंद्रपुर में आते हैं। इस अलौकिक ऐतिहासिक विरासत का विख्यात महत्व है। लेकिन पिछले कुछ वर्ष से इस विरासत को ग्रहण लग गया और इसका अस्तित्व दिनों-दिन खतरे में दिखाई दे रहा है। चंद्रपुर शहर में गोंडकालीन ऐतिहासिक 4 द्वार है। उत्तर में जटपुरा द्वार, पूर्व में अंचलेश्वर, दक्षिण में पठानपुरा और पश्चिम में बिनबा द्वार लेकिन अब यह द्वार कबाड़खाना बनते नजर आ रहे हंै। बावजूद इस ओर पुरातत्व विभाग का ध्यान नहीं होने से इतिहास प्रेमियों द्वारा इसकी आलोचना हो रही है। प्रसिद्ध विरासत का इतिहास में बड़ा महत्व है। लेकिन अब यह विरासत स्वयं अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। परकोट का खस्ताहाल, प्रवेश द्वार की दुर्दशा पर पुरातत्व विभाग अनदेखी कर रहा है, जिसका फायदा कुछ लोग उठाते हुए दिखाई दे रहा है। शहर के पठाणपुरा गेट, अंचलेश्वर गेट, बिनबा गेट के भीतर जो सुरक्षा रक्षकों के लिए बनाया कक्ष था। वहां अब कुछ कबाड़ दुकानदारों ने कब्जा जमाना शुरू किया है। साथ ही इन कक्षों में कुछ भिखारी शरण लिए हैं। इन तीनों प्रवेश द्वार के कक्ष पूरी तरह कुड़ा, कचरा, कबाड़ से भरे हुए हैं, जिससे यहां से बदबू आती है। हालांकि गेट के आस-पास की जगह पर भी कई लोगों ने अतिक्रमण कर कब्जा जमा रखा है। बावजूद प्रशासन द्वारा अनदेखी करने से इतिहास प्रेमियों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है।  यह गेट अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे हैं। ऐसी ही स्थिति खिड़कियां, परकोट व बूर्ज की बनी हुई है। 6 खिड़कियों के साथ परकोट बनी है।  लेकिन इन परकोट की हालत अब काफी दयनीय दिखाई दे रही है। कई जगह से परकोट टूट चुकी है, तो कुछ जगह पत्थर गिर रहे हैं, जिससे यह परकोट़ अब गिरने की कगार पर है। साथ ही परकोट की सुरक्षा के लिए पठाणपुरा गेट से विठोबा खिड़की तक लोहे की ग्रील लगाई गई थी। लेकिन इन ग्रील पर चारों की नजर पड़ते ही कई जगह की ग्रील चोरी हो गई। लेकिन इस संदर्भ में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 
  

Created On :   26 April 2023 1:14 PM IST

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