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शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जारी किया शिमला विकास योजना का मसौदा
- शहर में जीआईएस आधारित विकास योजना होगी
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट लागू होने के 40 साल बाद मंगलवार को शिमला विकास योजना का मसौदा (ड्राफ्ट) पेश किया। उन्होंने इसके क्रियान्वयन के लिए सुझाव भी मांगे।
विकास योजना को ऐतिहासिक बताते हुए मंत्री ने कहा कि इससे शहर के लोगों का जीवन आसान होगा। उन्होंने कहा, यह विभिन्न मुद्दों से निपटने के अलावा नियोजित विकास में मदद करेगा। मंत्री ने कहा यह एक ऐतिहासिक क्षण है। जिन चीजों के बारे में 40 वर्षों में कभी नहीं सोचा गया था, वे जल्द ही दिन का प्रकाश देखेंगे। मंत्री ने कहा कि शहर में जीआईएस आधारित विकास योजना होगी और यह लोगों को राहत प्रदान करने के अलावा कई मुद्दों से निपटेगा। उन्होंने कहा कि योजना को अंतिम रूप देने से पहले विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ प्रमुख प्रस्तावों पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे।
मसौदा विकास योजना 2041 के एक भाग के रूप में विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए प्रस्तावित क्षेत्रीय विनियमों और भवन उपनियमों पर चर्चा की गई। बताया गया कि पूरे शिमला के भवन निर्माण दिशा-निर्देशों को मुख्य रूप से कोर एरिया और नॉन-कोर एरिया में बांटा गया है। कोर एरिया के लिए प्रस्तावित बिल्डिंग बायलॉज में रहने योग्य अटारी और पार्किं ग के साथ एक संरचना के दो मंजिल होने का सुझाव दिया गया था, जबकि गैर-कोर क्षेत्र के लिए तीन मंजिल, एक रहने योग्य अटारी और पार्किं ग का सुझाव दिया गया था।
इस बात पर भी जोर दिया गया कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों सहित मुख्य सड़कों पर भवन की ऊंचाई, मंजिलों की संख्या और भूमि उपयोग के मामले में अधिक छूट दी जाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शिमला योजना क्षेत्र के लिए जीआईएस आधारित विकास योजना की प्रगति को देखने के बाद मंत्री ने विकास योजना के मसौदे पर आगे बढ़ने का सुझाव दिया और एक महीने के भीतर सुझाव आमंत्रित किए हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   8 Feb 2022 6:00 PM GMT