"शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार" सड़कें होगी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की रीढ़- गोपाल भार्गव (विशेष लेख)!

Shivraj Sarkar-trust intact roads will be the backbone of self-reliant Madhya Pradesh - Gopal Bhargava (Special article)!
"शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार" सड़कें होगी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की रीढ़- गोपाल भार्गव (विशेष लेख)!
"शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार" सड़कें होगी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की रीढ़- गोपाल भार्गव (विशेष लेख)!

डिजिटल डेस्क | निवाड़ी यूरोप हो या अमेरिका उनके आधुनिक और विकसित नजर आने का पहला अहसास वहाँ की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, फ्लाई ओवर और उन पर दौड़ती नजर आती मोटर-कार से आता है। और आए भी क्यों नहीं? ईसा से 2500 वर्ष पुरानी "सिन्धु व हड़प्पा सभ्यता" हो या फिर मिश्र और मेसोपोटामिया की समृद्धि का मापदण्ड भी वहाँ का आर्किटेक्चर, विकसित सड़कें और मिश्र के पिरामिड के वास्तु-विन्यास को ही माना जाता है। भारत के इतिहास में शेरशाह सूरी जैसे शासक को भी उसके द्वारा तत्कालीन भारत के चढ़गॉव (बांग्लादेश) से वर्तमान काबुल (अफगानिस्तान) के लिए निर्मित वर्तमान जी.टी.रोड (ग्रांड ट्रक रोड) के लिए याद किया जाता है।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के समय नार्थ-साउथ कोरिडोर के रूप में देश को आधुनिक विकसित सड़कों से जोड़ने वाले युग का शुभारंभ हुआ। ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों ने एक तरह से ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था को बदल दिया है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में भी सड़कों के निर्माण, उनके सुदृढ़ीकरण पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है। सड़कें विकास की संवाहक है। सड़कों के अभाव में विकास बेमानी हो जाता है। राज्य सरकार द्वारा सड़को के माध्यम से विकास के रथ को गाँव-गाँव तक पहुँचाने का काम व्यापक-दूरदृष्टि के साथ किया जा रहा है। इसकी झलक राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत 2021-22 के बजट में साफ नजर आती है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने चौथे कार्यकाल के पहले वर्ष में "आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश" के सुदृढ़ भवन की जो परिकल्पना की, उसके आधार-भूत चार स्तम्भ में भौतिक अधो-संरचना को प्रथम स्तम्भ के रूप में रखा गया है। प्रदेश की भौतिक अधोसंरचना में सड़कें एक मुख्य घटक हैं। सरकार की सभी सेवाएँ, जन-सुविधाएँ, आम-जन तक तभी पहुँच सकेगी जब प्रदेश में सुदृढ़ आधार-भूत संरचना हो, जिसका पहला पायदान है-"सुदृढ़ सड़कें"। वर्तमान में प्रदेश में 8 हजार 858 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। इसके अतिरिक्त 4 हजार 593 किलोमीटर लम्बाई के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए केन्द्र-सरकार से सैद्धान्तिक अनुमति प्राप्त हो गई है।

प्रदेश में 11 हजार 389 किलोमीटर राज्य राजमार्ग, 22 हजार 691 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग तथा 28 हजार 023 किलोमीटर अन्य जिला मार्ग है। इस प्रकार कुल 70 हजार 961 किलोमीटर सड़कें शहरी अंचल में तथा लगभग 80 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में तैयार की गई हैं। इस तरह यदि हम यह कहें कि मध्यप्रदेश सड़कों के मामले में सबसे धनाढ्य है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। वर्ष 2020-21 में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों के बावजूद प्रदेश में 2 हजार 500 किलोमीटर सड़कों तथा 13 वृहद पुलों का निर्माण कराया गया, इस पर 3 हजार 522 करोड़ रूपये का व्यय किया गया। इस अवधि में एक हजार 300 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण भी कराया गया।

प्रदेश में 540 करोड़ रूपये की लागत से 600 किलोमीटर मुख्य जिला मार्गों के निर्माण/उन्नयन का कार्य भी प्रगति पर है। साथ ही नाबार्ड के ऋण और केन्द्रीय सड़क निधि से भी प्रदेश में सड़कों के निर्माण/उन्नयन कार्य कराये जा रहे हैं। नाबार्ड मद से 3 हजार 640 करोड़ की लागत से 244 सेतु कार्य स्वीकृत है (44 नग आर.ओ.बी., 7 फ्लाय ओवर तथा 193 वृहद पुल), इनमें से 201 का कार्य प्रगति पर है तथा 9 वृहद पुल और 4 आर.ओ.बी. का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सुगम यातायात राज्य शासन की प्राथमिकता मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में लोक निर्माण विभाग को 7 हजार 341 करोड़ रूपये का बजट देने का निर्णय लिया है, जो गत् वित्तीय वर्ष 2020-21 के 6 हजार 866 करोड़ रूपये के बजट से 475 करोड़ रूपये अधिक है।

यह सड़कों के निर्माण, सुधार और विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने 2 हजार 441 किलोमीटर नवीन सड़कें, 65 नवीन पुल बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही आगामी तीन वर्षों में 3 हजार 105 करोड़ रूपये की लागत से 105 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भारत सरकार की भागीदारी के साथ कराया जाना प्रस्तावित है। जाहिर सी बात है कि इन सड़कों और नये पुल के बनने से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुगम यातायात के साथ श्रम और समय की बचत होगी। अति-महत्वाकांक्षी दो परियोजनाएँ प्रदेश में प्रस्तावित दो अति-महत्वाकांक्षी परियोजनाऐं (1) अटल प्रोग्रेस-वे (2) नर्मदा एक्सप्रेस-वे, पर काम चल रहा है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में 358 किलोमीटर लम्बा "अटल प्रोग्रेस-वे" बनाया जा रहा है। इससे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विकास के नये अध्याय की शुरूआत हुई है।

Created On :   27 March 2021 2:16 PM IST

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