बाल संरक्षण इकाई द्वारा तैयार किया जा रहा विशेषज्ञों का पैनल!

Panel of experts being prepared by Child Protection Unit!
बाल संरक्षण इकाई द्वारा तैयार किया जा रहा विशेषज्ञों का पैनल!
बाल संरक्षण इकाई द्वारा तैयार किया जा रहा विशेषज्ञों का पैनल!

डिजिटल डेस्क | हरदा जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग हरदा श्री संजय त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा विशेष श्रेणी अथवा विशेष क्षेत्र के बच्‍चों की भाषा को समझने के लिए विशेषज्ञों की पैनल तैयार की जा रही है। पैनल हेतु जिला अधिकारियों से विशेषज्ञों के नाम बुलाये गये है। उन्‍होने बताया कि किशोर न्याय के प्रावधानो के तहत 18 वर्ष तक के विधि विरूध्द कार्यो में लिप्त एवं देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों के भरण-पोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षा, संरक्षण एवं सामाजिक, मानसिक, पारिवारिक एवं आर्थिक पुनर्वास की कार्यवाही की जाती है। देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों के विरूध्द पूर्व में शोषण एवं लैंगिक दुव्र्यवहार की घटनायें हुई है तो बच्चे भयवश, संकोचवश अथवा अन्य कारणों से अपनी बात संप्रेषित नही कर पाते है। संवेदनशील के साथ संवाद न होने की स्थिति में कभी-कभी यह बालक अवसाद की स्थिति में भी चले जाते है, जिससे उनका मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकास प्रभावित होता है।

बच्चे की ऐसी घटनाओं से बाहर निकालने के लिए अनुभवी मनोविज्ञान विशेषज्ञ की सेवाओ की आवश्यकता होती है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत् ऐसे बालक जो प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा समझने में असफल रहता है अथवा विशेष आवश्यकता वाला बालक है, जो संकेतिक भाषा समझता है। ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई में अनुवादक एवं संकेतिक भाषा का विशेषज्ञ होना आवश्यक है। किशोर न्याय अधिनियम मे दिए गये प्रावधानों के तहत् देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों को अवसाद की स्थिति से निकलने में सहायता किये जाने एवं उनके द्वारा अपराध में लिप्त होने के कारणों की स्थिति का निर्धारण तथा सामाजिक आर्थिक पुनर्वास के लिए प्रत्येक जिले में बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ, संकेत भाषा विशेषज्ञ एवं दुभाषियों/अनुवाद का पैनल बनाये जाने की आवश्यकता है।

बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ, संकेत भाषा विशेषज्ञ एवं दुभाषियों / अनुवादक का पैनल बनाये हेतु जिला स्तर पर बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ, संकेत भाषा विशेषज्ञ एवं दुभाषियों/अनुवादक का पृथक-पृथक पैनल बनाया जाना है। बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ के पैनल में उस विशेषज्ञ को सम्मलित किया जावेगा, जिसके द्वारा बाल मनोविज्ञान विषय के साथ एम.फिल अथवा मास्टर अथवा बैचलर डिग्री अथवा डिप्लोमा किया हो। संकेत भाषा विशेषज्ञ की स्थिति में भारतीय सुधार परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था से संकेत भाषा या विशेष शिक्षा में स्नातक/डिप्लोमा/विशेष बी.एड. किया हो और जो COMPOSITE REGIONAL CENTRE FOR PERSONS WITH DISABILITIES (CRC) में पंजीकृत हो। दुभाषिया या अनुवादक को किसी राज्य क्षेत्र की भाषा के साथ ही हिन्दी भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। सूचीबद्ध किये गये विशेषज्ञों की सेवाऐं स्वेच्छानुसार अथवा प्रति विजिट सेवा शुल्क के आधार पर प्राप्त की जावेगी। सेवा शुल्क हेतु राशि रूपये 1000/- (अक्षरी एक हजार) अधिकतम का भुगतान समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत् प्रावधानित मद 51-अन्य प्रभार से किया जावेगा।

Created On :   11 Jun 2021 2:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story