चुनावी साल में मैहर माता मंदिर प्रबंध समिति से गैर हिंदुओं को हटाने के निर्देश, समिति के इतने कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज! हिंदुवादी संस्थानों ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

Satna News: Instructions to remove non-Hindus from Maihar Mata Temple Management Committee in election year
चुनावी साल में मैहर माता मंदिर प्रबंध समिति से गैर हिंदुओं को हटाने के निर्देश, समिति के इतने कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज! हिंदुवादी संस्थानों ने दी ऐसी प्रतिक्रिया
खतरे में मुस्लिमों की नौकरी चुनावी साल में मैहर माता मंदिर प्रबंध समिति से गैर हिंदुओं को हटाने के निर्देश, समिति के इतने कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज! हिंदुवादी संस्थानों ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के धर्मस्व विभाग की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें सतना जिले स्थित मैहर माता मंदिर के आस-पास वाले इलाकों में मांस-मदिरा की दुकान हटाए जाने के अलावा मंदिर प्रबंध समिति में मौजूद मुस्लिम कर्मचारियों का हटाने की बात कही गई है। 

चिट्ठी में मंत्री का हवाला

यह चिट्ठी धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की उप सचिव पुष्पा कुलेश ने कलेक्टर को लिखी है। जिसमें शिवराज सरकार में मंत्री उषा ठाकुर के निर्देश का हवाला दिया गया है। बता दें कि, चिट्ठी में मंत्री के निर्देश का पालन कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया है।

पत्र में 17 जनवरी को भेजे आदेश का जिक्र किया गया है कि मैहर नगरी में मांस-मदिरा की ब्रिकी बंद कराने और शारदा मंदिर समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया गया था। उप सचिव पुष्पा कुलेश ने 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा है।

गैर-हिंदू कर्मचारियों की नौकरी खतरे में!

इस निर्देश में शहर से मांस और शराब की दुकानों को बंद करने के साथ-साथ मां शारदा देवी प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की गई है। जानकारी के मुताबिक, मंदिर समिति में तीन मुस्लिम काम करते हैं और दो मुस्लिम कर्मचारी साल 1988 से बतौर मंदिर प्रबंध समिति के तौर पर नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में अब इन तीनों मुस्लिम कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं। इस आदेश पर मध्य प्रदेश शासन की ओर से उप सचिव पुष्पा कुलेश के हस्ताक्षर है। 

आदेश का हिंदु संगठन ने किया स्वागत

इस मामले में जिलाधिकारी अनुराग वर्मा ने चिट्ठी मिलने की बात कबूल की है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में यह स्पष्ट लिखा गया है कि किसी कर्मचारी का चुनाव धर्म के आधार पर नहीं किया जाएगा। वहीं, जहां तक शहर में शराब पर प्रतिबंध लगाने की बात है तो जब आबकारी विभाग की तरफ से आदेश नहीं आ जाता है तब तक स्थानीय प्रशासन ऐसा फैसला नहीं कर सकता है। वहीं, विभाग के इस आदेश का बजरंग दल और विश्व हिंदु परिषद ने स्वागत किया है।

गौरतलब है कि, सोशल मीडिया पर इन दिनों पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के नाम विश्व हिंदु परिषद की दो साल पुरानी एक और चिट्ठी भी वायरल हो रही है, जिसमें गैर-हिंदुओं को मंदिर प्रबंधन समिति से हटाने की मांग की थी। इस चिट्ठी में दो गैर-हिंदुओं का नाम लिखा गया था और दावा किया गया था कि इन्हें नियमानुसार नियुक्त नहीं किया गया है। 

 


 

Created On :   19 April 2023 3:11 PM IST

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