'भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए' - देवकीनंदन ठाकुर, धीरेन्द्र शास्त्री का किया समर्थन, सनातन यात्रा से करेंगे जागरूक

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। भारत देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए। आजादी के बाद सनातनियों का देश मेें दमन हुआ है। सनातनी जितना सहनशील कोई नहीं है। मैं किसी धर्म या पंत का विरोधी नहीं हूं, लेकिन जल्द से जल्द हिन्दू राष्ट्र बनाना हमारा संकल्प है। हमें पुरातन परंपरा का निर्वहन करना चाहिए। हम सनातनियों को जगाने के लिए छिंदवाड़ा में 17 फरवरी की शाम को सनातन यात्रा निकालेंगे।
सनातन यात्रा आगामी 2024 तक निरंतर चलेगी। उक्ताशय के उदगार कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। सनातन धर्म की रक्षा के लिए यात्रा निकाली जा रही है। इस मौके पर पत्रकारों के अनेक सवालों का देवकीनंदन ने बेबाकी से जवाब दिया।
सनातियों को नीचा दिखाने की कोशिश
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सनातन को टारगेट कर नीचा दिखाने का जो प्रयास किया जा रहा है, देवी देवताओं का अपमान एवं रामायण गं्रथ को जलाया जा रहा है। उसका पुरजोर विरोध करने के लिए सनातनियों को अपने धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित होना पड़ेगा। वहीं राजनैतिक दलों को स्पष्ट किया कि हमारे देश में लाखों मुददें है जिन को उठाकर अपनी राजनीति चमकाए, लेकिन सनातन धर्म को अपमानित न करें। इससे ऐसे राजनैतिक दलों को नुकसान ही उठाना पड़ेगा।
रिश्तों की मर्यादा तोड़ रही वेब सीरीज
देश में बन रही वेब सीरीज रिश्तों को कलंकित करने के साथ ही मर्यादा भंग कर रही है। ऐसी सीरीज जो आने वाली पीढ़ी का गलत रास्ते पर ले जाए, उसे सरकार को तत्काल रोक लगानी चाहिए।
मंदिरों का पैसा गुरूकुलों में लगाए
सनातियों का दमन करने आजादी के बाद सरकारों ने देश के सभी मंदिरों को अपने अधीन कर लिया। जिसकी सारी सम्पत्ति व आय पर सरकार का कब्जा है। वहीं मस्जिद व चर्च को स्वतंत्र छोड़ दिया गया है। या तो सभी धर्म के धर्म स्थलों को सरकार अपने अधीन करें या मंदिरों को भी स्वतंत्र करें। मंदिरों में आने वाली आय को हर जिले में 5 गुरूकुल खोलकर उसमें हमारी संस्कृति के अनुरूप शिक्षा के साथ ही अंग्रेजी भी सिखाई जाए।
Created On :   16 Feb 2023 8:45 PM IST