अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों का करें सख्ती से पालन - नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह!

Follow fire safety provisions strictly - Urban Development Minister Mr. Singh!
अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों का करें सख्ती से पालन - नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह!
अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों का करें सख्ती से पालन - नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह!

डिजिटल डेस्क | डिंडोरी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने निर्देशित किया है कि प्रशासन द्वारा अग्नि-सुरक्षा संबंधी जो प्रावधान किये गये हैं, उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये। भूमि विकास नियम-2012 के प्रावधानों में सितम्बर-2020 में संशोधन कर अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को और अधिक उपयुक्त बनाया गया है।

अग्नि-सुरक्षा के लिये भवन स्वामियों की जिम्मेदारी सक्षम प्राधिकारी अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को लागू करवाने के लिये सक्षम प्राधिकारी नगरीय निकाय के आयुक्त अथवा मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगे। नियमों में प्रावधानित सुरक्षा उपाय लागू करवाने एवं ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर भवन स्वामियों को दी गई एनओसी रद्द करने का अधिकार सक्षम प्राधिकारी को होगा। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा निर्देशित अग्नि-शमन संबंधी सभी प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी भी सक्षम प्राधिकारी की होगी।

आयुक्त टाउन एवं कंट्री प्लानिंग श्री अजीत कुमार ने जानकारी दी है कि अग्नि-सुरक्षा के लिये भवन स्वामियों के लिये जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। छतों या बेसमेंट में किसी रसोई की अनुमति नहीं होगी। छतों पर ज्वलनशील पदार्थ का भण्डारण नहीं किया जा सकेगा। एफआरपी (Fibre reinforced plastic) का उपयोग करके छत या छज्जे के ऊपर किसी अस्थाई छत की अनुमति नहीं होगी।

निर्माण की ज्वलनशील सामग्री जैसे लकड़ी, फॉम पेनलिंग, कालीन आदि का उपयोग मार्ग, गलियारों या सीढि़यों में नहीं किया जायेगा। राष्ट्रीय भवन कोड (एनबीसी) में निर्धारत मानकों के अनुरूप ही गैस बैंक स्थापित किया जाये। वाणिज्यिक एवं अन्य भवनों में मुख्य विद्युत पैनल एवं डी.जी. चेन्ज ओवर और मेन सप्लाई पैनल केबिनेट, क्लीन एजेंट, गैस फायर, सुप्रेशन सिस्टम से संरक्षित होना आवश्यक है।

सभी मंजिल की सीढि़यों और गलियारों में धुएँ के वेंटिलेशन के लिये प्राकृतिक या यांत्रिक व्यवस्था की जाये। राष्ट्रीय भवन संहिता में उल्लिखित भवनों का फायर ऑडिट वर्ष में एक बार किया जायेगा। भवन का स्वामी प्रत्येक वित्तीय वर्ष की 30 जून तक अग्नि-शमन ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। अग्नि-शमन इंजीनियर अग्नि-सुरक्षा को कड़ाई से लागू करने और अग्नि-शमन ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिये अग्नि-शमन इंजीनियर का प्रावधान किया गया है।

अग्नि-शमन इंजीनियर को मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय से अग्नि-शमन इंजीनियरिंग अथवा प्रौद्योगिकी में स्नातक के साथ इस क्षेत्र में 3 वर्ष का अनुभव आवश्यक होगा। अग्नि-शमन इंजीनियर सभी प्रकार के भवनों में, जो राष्ट्रीय भवन संहिता भाग-4 के अधीन आते हैं, के फायर सेफ्टी और फायर ऑडिट से संबंधी कार्य के लिये सक्षम होगा।

Created On :   1 March 2021 2:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story