धमतरी : सखी सेंटर में प्रकरणों के निराकरण के लिए काउंसिलिंग पर सर्वाधिक फोकस करें- कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
धमतरी : सखी सेंटर में प्रकरणों के निराकरण के लिए काउंसिलिंग पर सर्वाधिक फोकस करें- कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य

डिजिटल डेस्क, धमतरी 23 जुलाई 2020 कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में आज दोपहर जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर ने सखी वन स्टाॅप सेंटर में आने वाले महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसे विभिन्न प्रकरणों के समुचित निबटारा के लिए दोनों पक्षों की सतत् काउंसिलिंग पर सर्वाधिक फोकस करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने भिक्षावृत्ति एवं कचरा बीनने में संलग्न बच्चों का सामाजिक एकीकरण व पुनर्वास करने के भी निर्देश दिए। आज दोपहर 12 बजे आयोजित बैठक में कलेक्टर ने सखी वन स्टाॅप सेंटर की प्रबंधन समिति तथा जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक ली, जिसमें बाल संरक्षण के तहत संचालित गतिविधियों व योजनाओं की जानकारी ली। कलेक्टर ने इस बात पर अधिक जोर दिया कि बाल विवाह जैसे अवैधानिक कृत्यों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित के लिए विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों को बैठक में अनिवार्य रूप से बुलाएं जिससे ऐसी कुप्रथाओं को पूरी तरह से समाप्त की जा सके। ऐसी बैठकों में क्षेत्रीय विधायक व जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। इसी तरह कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत करते हुए बालगृह में दाखिल होने वाले नए बच्चों का प्रवेश के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए निर्देशित किया। इसी तरह बाल कल्याण समिति में पैरा लिगल वाॅलेंटियर्स रखने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी को कहा गया। बैठक में कलेक्टर ने सभी सार्वजनिक स्थानों, बस स्टैण्ड, मंदिर आदि के पास भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनके सामाजिक एकीकरण तथा पुनर्वास की कार्रवाई मिशन मोड में करने के निर्देश दिए। इसी तरह अनाथ बच्चों को पुनर्वास के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला पंचायत के परस्पर समन्वय से उन्हें छात्रावास अथवा आवश्यकतानुसार बालगृह में प्रवेश दिलाकर शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान बताया गया कि पिछली बार किए गए सर्वेक्षण के अनुसार जिले में अनाथ (माता-पिता विहीन) बच्चों की संख्या 227 है। बैठक में जिला पंचायत की सी.ई.ओ. श्रीमती नम्रता गांधी, एडिशनल एसपी श्रीमती मनीषा ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सहित बाल संरक्षण समिति, सखी सेंटर के अधिकारीगण उपस्थित थे। क्रमांक-90/442/सिन्हा

Created On :   24 July 2020 2:36 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story