सभी की भागीदारी से पौधे रोपकर शहर को ओढ़ाएँ हरीतिमा की चादर अंकुर अभियान!

Cover the city with green cover by planting saplings with everyones participation!
सभी की भागीदारी से पौधे रोपकर शहर को ओढ़ाएँ हरीतिमा की चादर अंकुर अभियान!
सभी की भागीदारी से पौधे रोपकर शहर को ओढ़ाएँ हरीतिमा की चादर अंकुर अभियान!

डिजिटल डेस्क | सिंगरौली अंकुर अभियान के तहत सभी की भागीदारी से सुनियोजित ढंग से पौधे रोपे जाएं, जिससे लगाए गए सभी पौधे पेड़ बन सकें। सभी लोग मिलजुलकर शहर को हरीतिमा की चादर ओढ़ाने और वातावरण को प्राणवायु से समृद्ध करने के लिये अंकुर अभियान को एक सुअवसर के रूप में लें। प्रयास ऐसे हों जिससे यह पुनीत अभियान जन आंदोलन का रूप ले। शहर के आस-पास की पहाड़ियों एवं खाली स्थानों पर सभी की भागीदारी से वृहद वृक्षारोपण कराएँ। शहर में प्रस्तावित वृक्षारोपण को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिये विभिन्न सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को विशेष तौर पर भागीदार बनाया जाए। पौधरोपण के लिए गड्डे खोदने का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें, ताकि बरसात होते ही पौधे रोपे जा सकें।

हर पौधे के संरक्षण की पुख्ता व्यवस्था के साथ ही पौधे रोपे जाएं। पौधरोपण के इच्छुक हर व्यक्ति के मोबाइल फोन में वायुदूत एप डाउनलोड कराकर पंजीकृत अवश्य करें। कोई भी व्यक्ति गूगल प्ले स्टोर से वायुदूत एप डाउनलोड कर और उस पर पंजीयन कर इस अभियान से जुड़ सकता है। अंकुर अभियान के तहत प्रतिभागियों को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा रोपकर उसकी फोटो एप पर अपलोड करती होती है। पौधरोपण के एक माह बाद पुन: जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तो उस पौधे की फोटो वायुदूत एप पर अपलोड करना है। हरित क्षेत्र में वृद्धि और प्रदेश को स्वच्छ पर्यावरण व प्राणवायु से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा अंकुर अभियान शुरू किया गया है।

जिसके तहत फलदार व छायादार वृक्षों का पौधरोपण और देखभाल करने वाले जिलेवार चयनित विजेताओं को मुख्यमंत्री “प्राणवायु” अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। विजेताओं में 50 प्रतिशत पुरूष और 50 प्रतिशत महिलाएँ होंगी। इसी तरह आधे पुरस्कार ग्रामीण और आधे शहरी क्षेत्र के लिये होंगे। यहाँ किया जा सकता है वृक्षारोपण पौध-रोपण घर के आँगन, शासकीय, अशासकीय भूमि, सामुदायिक स्थानों पर किये जा सकेंगे। पौध-रोपण के पहले प्रतिभागी को संबंधित भू-स्वामी से सहमति लेनी होगी। शासकीय और सामुदायिक स्थल पर किये गये पौध-रोपण से भविष्य में होने वाले लाभों के प्रथम हकदार समाज या राज्य शासन होंगे। यह शर्त निजी भूमि पर लागू नहीं होगी। पौध-रोपण से प्रतिभागी को उक्त भूमि के स्वामित्व का कोई अधिकार नहीं होगा। प्रतिभागी केवल प्रतियोगिता के संभावित पुरस्कार के ही हकदार होंगे। इच्छुक प्रतिभागियों को स्थल एवं वृक्ष प्रजाति का चयन और पौधे की सुरक्षा स्वयं करना होगी।

Created On :   8 July 2021 1:37 PM IST

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