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वैधानिक प्रक्रिया अपनाए बिना निराश्रित बच्चों को गोद लेने पर 6 माह का कारावास अथवा 10 हजार रूपये जुर्माना होगा!
![Adoption of destitute children without following the legal process will result in imprisonment of 6 months or fine of Rs 10,000! Adoption of destitute children without following the legal process will result in imprisonment of 6 months or fine of Rs 10,000!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/07/adoption-of-destitute-children-without-following-the-legal-process-will-result-in-imprisonment-of-6-months-or-fine-of-rs-100002_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क | भिण्ड केन्द्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि वैधानिक प्रकिया अपनाए बिना निराश्रित बच्चों को गोद लेने पर 6 माह का कारावास अथवा 10 हजार रूपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। आयोग द्वारा कहा गया है कि पूर्व के माह में शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि कई गैर सरकारी संगठन उन बच्चों के बारे में विज्ञापन प्रसारित कर रहे हैं, जो अनाथ हो गए हैं अथवा जिन्होंने कोविड संक्रमण के फलस्वरूप अपने परिवार को खो दिया है।
गोद लेना व देना एक वैधानिक प्रकिया है, जिसका पालन किया जाना अनिवार्य है। गोद लेने व देने के लिए संपूर्ण भारत में एकमात्र एवं एकीकृत प्रावधान,"केन्द्रीय दस्तक ग्रहण अधिकरण(कारा-CARA)" है। सामान्य व्यक्ति के लिए स्पष्ट किया गया है कि ऐसे निराश्रित व जरूरतमंद बच्चों के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने से बचें एवं उनकी जानकारी चाइल्ड लाइन 1098, स्थानीय पुलिस, विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण(सा-SAA), बाल कल्याण समिति(CWC), जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU) अथवा कारा(CARA)को सूचित करें।
Created On :   19 July 2021 2:17 PM IST