Shahdol News: ओपीएम हादसा- पड़ताल में सामने आ रहीं प्रबंधन व प्लांट मेंटेनेंस की खामियां, जिस मैनोमीटर के जरिए गैस की सप्लाई होती है उसमें लगी थी जंग

ओपीएम हादसा- पड़ताल में सामने आ रहीं प्रबंधन व प्लांट मेंटेनेंस की खामियां, जिस मैनोमीटर के जरिए गैस की सप्लाई होती है उसमें लगी थी जंग
  • जिस मैनोमीटर के जरिए गैस की सप्लाई होती है उसमें लगी थी जंग
  • यहीं से हुआ था लीकेज और 60 लोगों की जान पर बन आई थी
  • जांच रिपोर्ट मिले बगैर बंद की गई इकाई हुई शुरू

Shahdol News: ओपीएम (ओरिएंट पेपर मिल)की बरगवां स्थित सोडा फैक्ट्री में शनिवार को हुए क्लोरीन गैस के रिसाव के मामले में कंपनी प्रबंधन की हद दर्जे की लापरवाही सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक प्लांट के संचालन में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोरीन गैस की जिस मैनोमीटर के जरिये सप्लाई हुई थी, उसका लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुआ था। जानकारों के अनुसार, मैनोमीटर में जंग लग गई थी, वहां काम कर रहे कर्मचारियों ने प्रबंधन का इस ओर ध्यान भी आकृष्ट कराया लेकिन न तो मैनोमीटर बदला गया और न ही उसे खोल कर जंग साफ की गई।

क्लोरीन गैस के रिसाव की यह बड़ी वजह था। सूत्रों के अनुसार इंडस्ट्रियल हेल्थ एंड सेफ्टी के निर्देशों और सुझावों का भी प्लांट के अंदर और बाहर पूरी तरह पालन नहीं किया गया। क्लोरीन गैस की प्लांट में सप्लाई की अत्याधुनिक तकनीक बहुत पहले आ गई है लेकिन ओपीएम प्रबंधन ने इसे अपनाने और पुराने जंग खा चुके उपकरणों आदि को बदलने कभी रूचि नहीं दिखाई। सीएसआर में भी लापरवाही बरती गई। जानकारों के अनुसार, ओपीएम की सोडाफैक्ट्री आबादी वाले क्षेत्र में लगी है। वार्ड नंबर 3 तो फैक्ट्री की बाउंड्री से सटा हुआ है। क्लोरीन गैस के इस्तेमाल में अंदर और बाहर खतरा बना रहता है। बावजूद इसके ओपीएम प्रबंधन ने क्लोरीन गैस के रिसाव की स्थिति से आम नागरिकों को कैसे निपटना है न तो कभी यह बताया गया और न ही इसे लेकर मॉक ड्रिल ही कराई।

गैस रिसाव की स्थित में बचाव तथा उपचार हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले संसाधन व औषधियां आदि भी न तो प्रभावित क्षेत्र के लोगों को कभी कंपनी प्रबंधन ने दिए और न ही नगर परिषद व कंपनी की डिस्पेंसरी को ही इस मामले में सक्षम बनाया। यही नतीजा रहा कि शनिवार देर शाम जब क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ तब उनकी देखभाल व उपचार के संसाधनों और चिकित्सकीय दल का टोटा पड़ गया।

जांच रिपोर्ट मिले बगैर बंद की गई इकाई हुई शुरू

अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने हादसे के तत्काल बाद प्लांट बंद करा दिया था। साथ ही हादसे की वजह पता लगाने के साथ-साथ 11 बिंदुओं पर जांच करने चार सदस्यीय टीम भी गठित की थी। जिला पंचायत सीईओ (अनूपपुर) तन्मय वशिष्ठ शर्मा की अगुआई में टीमने दो दिन भीतर जांच पूरी कर ली है और वह आज (मंगलवार को) कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। श्री शर्मा ने जांच के निष्कर्षों के बारे में कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि, कुछ कमियां पाई गई हैं, जिनके बारे में अभी कुछ भी बताया नहीं जा सकता है। इधर सोमवार शाम सोडा फैक्ट्री की बंद कराई गई इकाई (यूनिट) दोबारा शुरू कर दी गई है। इसे लेकर कलेक्टर पंचोली से जब बात की तो उन्होंने कहा कि उक्त यूनिट मैंने जांच होने तक बंद रखने कहा था। चूंकि जांच पूरी हो गई है, इसलिए उसे दोबारा शुरू करने प्रबंधन को कहा गया है। श्री पंचोली ने कहा कि जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद जो खामियां सामने आएंगीं उन्हें तत्काल दूर कराया जाएगा।

Created On :   25 Sept 2024 1:54 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story