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Madhya Pradesh: डिंडोरी के सिमरधा में हुई प्रदेश स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में बड़ा फैसला, अब व्यक्तिगत दावों में 4 हेक्टेयर से अधिक, भूमि का भी मिल सकेगा वन अधिकार पट्टा

- वन अधिकार अधिनियम के तहत दस नए बिंदु जोड़े गए
- वन अधिकार अधिनियम के तहत बनाई नई एसओपी
- प्रदेश स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में बड़ा फैसला
डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। समनपुर विकासखंड के सिमरधा में हुई वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों के पट्टों को वितरित करने के लिए गठित प्रदेश स्तरीय टास्क फोर्स समिति ने शनिवार को बड़ा फैसला किया। प्रदेश के ट्राइबल मिनिस्टर कुंवर विजय शाह की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि व्यक्तिगत दावों के तहत अब 4 हेक्टेयर से अधिक भमि का भी वन अधिकार पट्टा हासिल किया जा सकेगा। अभी तक वन अधिकार पट्टे की अधिकतम सीमा 4 हेक्टेयर है। यही नहीं समिति ने इसे लेकर नई एसओपी (टेर्डंड ऑपरेटिंग सिस्टम) भी बनाई है। इसमें 10 नए बिंदु जोड़े गए है, जिसनें वन अधिकार अधिनियम के पट्टा वितरण नियम को सरल बना दिया है। इसी एसओपी के तहत यदि कोई आवेदक चार हेक्टयेर से अधिक भूमि में 2005 के पूर्व से काबिज है तो उसे अब चार हेक्टेयर से अधिक भूमि का भी वन अधिकार पट्टा बना कर दिया जाएगा।
पूरे प्रदेश में लागू होगी नई एसओपी
पहली बार राज्य मंत्रालय के बजाय बैगा बहुल डिंडोरी जिले के बैगाचक सिमरधा में वन अधिकार एफआरए और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर हुई टास्क फोर्स उपसमिति की बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कुंवरविजय शाह ने बताया कि, वन अधिकार अधिनियम के तहत जो गाइड लाइन पूर्व में बनी थी उसमें आंशिक बदलाव कर, आज जारी की गई नई एसओपी से पूरे प्रदेश में जिला प्रशासन को वन अधिकार पट्टा वितरण करने में सरलता होगी। एसओपी में शामिल किए गए गये 10 बिन्दुओं में वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत दावों में दिये जाने वाले पट्टों को लेकर स्पष्ट नियम तय कर दिये गये हैं। इस दौरान सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे, जनजाति कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, कलेक्टर नेहा मराव्या सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहें।
पट्टों का सच : 72 में से केवल 35 को लाभ मिला, वह भी अधा-अधूरा
टास्क फोर्सउपसमिति के समनापुर के वनग्राम सिमरधा के भ्रमण कार्यक्रम दौरान बैगा आदिवासियोंं से चर्चा दौरान वन अधिकार पट्टों से जुड़ा सच सामने आया। मंत्री शाह सहित अफसरों ने यह पाया कि सिमरधा गांव में 72 बैगा आदिवासियों ने वन अधिकार के लिए दावा किया था। इनमें से सिर्फ 35 लोगों को ही पट्टा मिला है। उसमें से भी कई को 4 की जगह महज 2 हैक्टेयर का पट्टा दिया गया था। मंत्री ने कहा कि बैगा आदिवासियों को 4 हेक्टेयर का वन अधिकार पट्टा मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें दो हेक्टेयर का ही पट्टा दिया गया। मंत्री शाह ने वन अधिकार पट्टे के मामले में अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों से संवाद के दौरान महिलाओं ने पानी की समस्या भी उठाई और बताया कि उन्हें एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
Created On :   26 April 2025 10:36 PM IST