महाराष्ट्र सियासत: राज्य में फिर गरमाई चाचा-भतीजे की लड़ाई, अजीत पवार की समीक्षा बैठक से गायब रहे 5 विधायक, क्या सियासी भूचाल के मिल रहे संकेत
- महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हलचल तेज
- एनसीपी (अजीत गुट) की बैठक से गायब रहे 5 विधायक
- महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल के संकेत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। इस बार राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एनडीए केवल 17 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। जबकि, इंडिया गठबंधन ने 30 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। इन सबके बीच एनडीए के घटक दल में शामिल महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार की मीटिंग में उनकी पार्टी के पांच विधायक शामिल नहीं हुए। जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर गुरुवार को अजित पवार ने मुंबई के ट्राइडेंट होटल में एनसीपी दल की मीटिंग रखी थी। जिसमें उनकी पार्टी के पांच विधायक बैठक अनुपस्थित रहे। इस बैठक से पहले अजीत पवार गुट के लगभग 15 विधायकों के शरद पवार गुट के खेमे में शामिल होने की खबरें चल रही थी। इसका बाद से ही सूबे की राजनीति में यह घटनाक्रम सियासी तूल पकड़ता जा रहा है।
अजात गुट की बैठक से 5 विधायक गायब
अटकलें हैं कि महाराष्ट्र में एक बार फिर से चाचा-भतीजे के बीच सियासी तनातनी और हाई वोल्टेज ड्रामा देखने के मिल सकता है। ऐसे माना जा रहा है कि अजित पवार गुट से विधायकों के शरद पवार गुट में शामिल होने की संभावना है। अगर भविष्य में विधायकों ने दल बदला भी तब भी राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
उधर, अजित पवार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के संबंध में विधायक दलों की बैठक बुलाई। नतीजों के मुताबिक, एनसीपी (अजीत गुट) को रायगढ़ लोकसभा सीट पर ही जीत हासिल हुई है। इसके अलावा बारामती लोकसभा सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई में पार्टी की हार हुई। इस सीट से एनसीपी (शरद गुट) प्रत्याशी और मौजूदा सांसद सु्प्रिया सुले ने अजीत पवार की पत्नी को हाराया है।
इस साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव
ट्राइडेंट होटल में एनसीपी की बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और रायगढ़ सीट से एकमात्र विजेता सुनील तटकरे शामिल हुए थे। जानकारी के मुताबिक, बैठक में 41 विधायक मौजूद रहे। जबकि, पांच विधायक गायब रहे थे। इस बारे में एनसीपी पार्टी के एक नेता ने कहा कि इन पांच में से विधानसभा जिरवाल विदेश में है और बाकी खराब स्वास्थ्य के चलते शामिल नहीं हो पाए है। इस बैठक में अजीत पवार ने विधायक और नेताओं के साथ राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और चार लोकसभा सीटों पर मंथन किया। लोकसभा चुनाव में एनडीएक में सीट शेयरिंग के तहत एनीसपी के खाते में यही चार सीटे आई थी। जहां से पार्टी ने चुनाव मैदान में अपने कैंडिडे्स उतारा थे।
इस साल महाराष्ट्र में भी विधासभा चुनाव होने जा रहे है। मगर, इससे पहले ही लोकसभा चुनाव में एनसीपी (अजीत गुट) के खराब प्रदर्शन ने अजीत और उनकी पार्टी के सदस्यों को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चिंतत कर दिया है। ऐसे में पार्टी के विधायक और नेता इस बार के चुनावों में शरद पवार की एनसीपी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उसमें शामिल हो सकते है। इस बार जनता ने शरद पवार की एनसपी के पक्ष में वोट करके उसे ही असली एनसीपी बताया है।
Created On :   7 Jun 2024 12:44 AM IST