तेलंगाना: मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की सरकार ने विधानसभा में परिसीमन का विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया

- पारदर्शी परामर्श के बिना आगे नहीं बढ़नी चाहिए परिसीमन
- प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया का विरोध
- जनसंख्या ही परिसीमन का एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए- रेड्डी
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की सरकार ने विधानसभा में प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया है। सीएम रेड्डी ने प्रस्तावित प्रक्रिया में पारदर्शिता पर चिंता और जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू करने की बात कही है। रेड्डी ने इस जनसंख्या परिसीमन को कुछ राज्यों के लिए नुकसान वाला बताया है।
रेड्डी ने 42वें, 84वें और 87वें संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रीय जनसंख्या का लक्ष्य अभी पूरी तरह हासिल नहीं हुआ है। सीएम रेड्डी ने प्रस्ताव में संसदीय सीटों की कुल संख्या में बदलाव करने की बजाय नवीनतम जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी करने की बात कही है, साथ ही नए सिरे से निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित करते हुए महिला आरक्षण पर भी जोर दिया। प्रस्ताव में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 और नवीनतम जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक विधानसभा सीटों को 119 से बढ़ाकर 153 करने का आह्वान किया । प्रस्ताव में केंद्र सरकार से तेलंगाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधन पेश करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि परिसीमन प्रक्रिया राज्य सरकारों, राजनीतिक दलों और अन्य संबंधित समूहों सहित सभी हितधारकों के साथ पारदर्शी परामर्श के बगैर आगे नहीं बढ़नी चाहिए। रेड्डी का कहना है कि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू किया जनसंख्या परिसीमन ने उन राज्यों को नुकसान होगा। ऐसे राज्यों के लिए संसद में प्रतिनिधित्व से वंचित कर दंडित नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि केवल जनसंख्या ही परिसीमन का एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए।
Created On :   27 March 2025 6:34 PM IST