हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी का एकमात्र दलित नेता अब कांग्रेसी, बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने के आधे घंटे बाद राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए अशोक तंवर

बीजेपी का एकमात्र दलित नेता अब कांग्रेसी, बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने के आधे घंटे बाद राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए अशोक तंवर
  • अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल
  • 5 अक्टूबर को होंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव
  • 8 अक्टूबर को आएंगे चुनावी नतीजे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद और दलित नेता अशोक तंवर ने कांग्रेस में वापसी कर ली है। महेंद्रगढ़ में चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी में वापसी की है। इस मौके पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी वहां मौजूद रहे। कांग्रेस में शामिल होने से घंटे भर पहले अशोक तंवर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे थे। लेकिन इसके तुरंत बाद उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

अशोक तंवर की घर वापसी

पूर्व सांसद अशोक तंवर कांग्रेस में वापसी के बाद पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक की आवाज उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस ने आगे कहा- हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, हरियाणा में BJP की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए। दलितों के हक़ की लड़ाई को आपके आने से और मज़बूती मिलेगी। कांग्रेस परिवार में आपका पुनः स्वागत है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

बीजेपी को बड़ा झटका

इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक तंवर ने बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस की दलित नेता कुमारी शैलजा के खिलाफ सिरसा सीट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, तंवर कुमारी शैलजा से चुनाव हार गए थे। बीजेपी इस बार के चुनाव में लगातार कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। लेकिन, उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले तंवर भी अब कांग्रेस की टीम में शामिल हो गए हैं। जिससे बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। खास बात यह है कि आज 1 बजे तक वह बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे। लेकिन, वह फिर कांग्रेस में शामिल हो गए।

कितना खास है तंवर चुनाव के लिए

गौरतलब है कि साल 2019 के अक्टूबर महीने में हुड्डा से कथित मनमुटाव के चलते उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन जब आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा होने लगी तब उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। इस दौरान उस वक्त के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अशोक तंवर को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में तंवर ने सिरसा (एससी) से इनेलो उम्मीदवार सीता राम को हराया था। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इनेलो के चरणजीत सिंह रोरी से 1.15 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2019 में भी उन्हें बीजेपी की सुनीता दुग्गल से 3 लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन माना जा रहा है कि दलित नेता तंवर के कांग्रेस में वापस आने बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि, वह दलित नेता है।

Created On :   3 Oct 2024 4:20 PM IST

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