अर्थव्यवस्था: भारत के ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़कर 12,146 हो गई, महाराष्ट्र आगे, दिल्ली दूसरे स्थान पर
नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि इस साल 2 फरवरी तक देश में चल रहे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 12,146 हो गई है। उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही।
मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र 3,079 ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद दिल्ली 1,886 स्टेशनों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक 1,041 चार्जिंग स्टेशनों के साथ तीसरे स्थान पर है।
शीर्ष 10 की सूची में शीर्ष तीन राज्य हैं : केरल (852), तमिलनाडु (643), उत्तर प्रदेश (582), राजस्थान (500), तेलंगाना (481), गुजरात (476) और मध्य प्रदेश (341)।
भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) भारत में ईवी को बढ़ावा देने की सुविधा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। मंत्री ने कहा कि एफएएमई-II योजना में अन्य बातों के साथ-साथ ईवी उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता भी शामिल है।
इसके अलावा, बिजली मंत्रालय ने देश में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की तैनाती में तेजी लाने के लिए कई पहल की हैं।
सरकार ने चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए दिशानिर्देश और मानक जारी किए हैं, जो ईवी के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग करके अपने निवास/कार्यालय में अपने वाहनों को चार्ज करने में सक्षम बनाते हैं।
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए प्रचार दरों पर भूमि के प्रावधान के लिए एक राजस्व साझाकरण मॉडल भी पेश किया गया है और निर्धारित समयसीमा के भीतर सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को बिजली कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए एकल भाग ईवी टैरिफ भी निर्धारित किया है, यह राशि 31.03.2025 तक आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) से अधिक नहीं हो सकती है।
दिशानिर्देश सौर और गैर-सौर घंटों के दौरान पीसीएस पर ईवी की धीमी एसी चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की सीमा क्रमशः 2.50 रुपये प्रति यूनिट और 3.50 रुपये प्रति यूनिट निर्दिष्ट करते हैं।
इसके अलावा, सौर और गैर-सौर घंटों के दौरान पीसीएस पर ईवी की डीसी फास्ट चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की क्रमशः 10 रुपये प्रति यूनिट और 12 रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा भी निर्दिष्ट की गई है।
सौर घंटों के दौरान डिस्कॉम द्वारा पीसीएस को आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) पर 20 प्रतिशत की छूट और अन्य सभी समय के दौरान 20 प्रतिशत का अधिभार होगा।
मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस नियम, 2022 को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में और तेजी लाने, सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया है।
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Created On :   6 Feb 2024 8:44 PM IST