राजनीति: अवैध लोगों को वोट बैंक बनाकर सत्ता पर सालों काबिज रहना चाहती हैं ममता सुकांत मजूमदार

अवैध लोगों को वोट बैंक बनाकर सत्ता पर सालों काबिज रहना चाहती हैं ममता  सुकांत मजूमदार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में रोष देखने को मिल रहा है। इसी बीच रविवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में आतंकी हमले के खिलाफ भाजपा ने रैली निकाली। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री एवं पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधा।

मुर्शिदाबाद, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में रोष देखने को मिल रहा है। इसी बीच रविवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में आतंकी हमले के खिलाफ भाजपा ने रैली निकाली। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री एवं पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधा।

भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "टीएमसी में जितने भी मानसिक रूप से पाकिस्तानी नागरिक हैं, अगर हम उन्हें बाहर निकलेंगे तो ममता बनर्जी की आधे मंत्री पद खाली हो जाएंगे और उनकी पार्टी भी खाली हो जाएगी। ममता बनर्जी वोटबैंक की राजनीति करना चाहती हैं। वो बांग्लादेश और पाकिस्तान के अवैध लोगों को रखकर वोट बैंक बनाकर सालों तक सत्ता में काबिज रहना चाहती हैं। इसलिए देश के साथ भी गद्दारी करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।"

उन्होंने कहा, जब पश्चिम बंगाल में अवैध लोगों का प्रतिशत ज्यादा हो जाएगा, तो वे ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी या उनके परिवार के किसी को भी सत्ता में नहीं रहने देंगे।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। हमले के पीड़ितों ने बताया कि आतंकवादियों ने लोगों को मारने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा। इस हमले के बाद देशभर में रोष देखने को मिल रहा है। लोग केंद्र सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने हमले के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का हाथ होने की बात कही है। पहलगाम घटना के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में केंद्र सरकार ने कई कड़े और बड़े फैसले लिए, जिनमें सिंधु जल समझौते को निरस्त करना, पाकिस्तान से अपने राजनयिकों को वापस बुलाना और भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना महत्वपूर्ण है।

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Created On :   27 April 2025 7:46 PM IST

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