समाज: पहलगाम हमले का गुस्सा, आतंकवाद के खिलाफ मुंबईकर हुए एकजुट

मुंबई, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद लोगों में आक्रोश थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में रविवार को मुंबई के दादर इलाके में सड़क पर उतरकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए, जिन पर पाकिस्तान विरोधी नारे और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को वापस लेने की मांग लिखी थी। प्रदर्शन में शामिल लोग आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने और पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस हमले का कड़ा जवाब दिया जाए और पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए। साथ ही, उन्होंने पीओके को भारत में वापस लाने की मांग को जोर-शोर से उठाया।
प्रदर्शन में शामिल पतंजलि योग समिति के अध्यक्ष सुरेश यादव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि पहलगाम में जिन निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की गई, उनके लिए सरकार से हमारी एकमात्र प्रार्थना है। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सशक्त सरकार पर पूरा भरोसा है, क्योंकि उन्होंने पहले भी ऐसा किया है। यह मांग सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि पूरे देश की है कि इस हमले का बदला लिया जाए और पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि आज समय ऐसा है जब पूरा विश्व हमारे साथ है। इजरायल, ईरान, यूएई, अमेरिका, यूरोप और रूस हमारे साथ खड़े हैं। यह सुनहरा मौका है कि पाकिस्तान से पीओके वापस लिया जाए और सभी आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया जाए। हमें आतंकवाद से नफरत है, किसी आम पाकिस्तानी से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जो लोग आतंकवाद को शह देते हैं, चाहे वे भारत के हों या बाहर के, उन्हें भी खत्म करना है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से हमारी एकमात्र प्रार्थना है कि पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर दिया जाए, उसे मिट्टी में मिला दिया जाए। तभी हमारा बदला पूरा होगा। हम इसलिए एकत्र हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें गहरा दुख है कि जिन लोगों की निर्मम हत्या की गई, उनके परिवारों पर क्या बीत रही है। पूरा हिंदुस्तान आज रो रहा है। 140 करोड़ लोगों की आंखों में आंसू हैं, चाहे वह किसी भी धर्म के हों। वहां धर्म पूछकर गोली मारी गई। जिसने कलमा पढ़ लिया, उसके कपड़े उतारकर खतना देखकर उसे गोली मार दी गई। इतनी क्रूर हत्या हुई है इसलिए हम यही चाहते हैं कि उनके साथ युद्ध हो, लड़ाई हो।
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Created On :   27 April 2025 9:40 AM IST