रक्षा: दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में नायब सूबेदार बलदेव हुए शहीद, सेना प्रमुख ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। नायब सूबेदार बलदेव सिंह ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात रहते हुए कर्तव्य के पथ पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को उन्हें एक मार्मिक और गहन व्यक्तिगत श्रद्धांजलि अर्पित की।
बलदेव सिंह जम्मू-कश्मीर राइफल्स (18 जेएके आरआईएफ) की 18वीं बटालियन का हिस्सा थे। सोमवार को दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल स्थित श्रद्धांजलि स्थल पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया, जहां सेना प्रमुख ने बहादुर जूनियर कमीशन अधिकारी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि बलदेव सिंह जिस बटालियन का हिस्सा थे, उस बटालियन की कमान जनरल उपेंद्र द्विवेदी संभाल चुके हैं। इसलिए, पूर्व साथी के नेता सेना प्रमुख और अधिक भावुक थे।
नायब सूबेदार बलदेव सिंह को कश्मीर घाटी में ऑपरेशन रक्षक के दौरान 2002 में 18 जेएके आरआईएफ में भर्ती किया गया था। वह पहली बार अक्टूबर 2003 में जनरल द्विवेदी के संपर्क में आए, जब वर्तमान सेना प्रमुख ने बटालियन की कमान संभाली। उस समय नायब सूबेदार बलदेव सिंह डेल्टा कंपनी में सेवारत थे। उनकी क्षमता और प्रतिभा को पहचानते हुए कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें बटालियन के सिग्नल प्लाटून में विशेषज्ञ ड्यूटी के लिए नामित किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एक इन्फैंट्री सिग्नलर के रूप में बलदेव सिंह का मार्गदर्शन किया। युवा सैनिक के रूप में बलदेव सिंह ने कई ऑपरेशनों में सीओ के साथ काम किया, जिसमें उन्होंने अटूट व्यावसायिकता, साहस और समर्पण का परिचय दिया।
लगभग एक साल पहले बलदेव सिंह को नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत किया गया। आपसी सम्मान और साझा कठिनाइयों पर आधारित दो सैनिकों यानी बलदेव सिंह और सेना प्रमुख के बीच का बंधन एक पारिवारिक रिश्ते में बदल गया। दोनों के बीच बने इस रिश्ते ने इस नुकसान को और भी गहरा और व्यक्तिगत बना दिया।
बलदेव सिंह के परिवार में उनकी मां, भाई, पत्नी और दो बच्चे हैं।
शहीद बलदेव सिंह मूल रूप से सिरसा एयरफोर्स स्टेशन के सामने स्थित बीरपुर कॉलोनी के रहने वाले थे। उन्होंने 20 अप्रैल 2025 को उत्तरी ग्लेशियर, सियाचिन के खतरनाक इलाके में कुमार पोस्ट पर सिग्नल प्लाटून के साथ सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी।
सेना के मुताबिक, उन्हें हमेशा एक हंसमुख, बहादुर और बेहद प्रेरित सैनिक के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता और पेशेवर उत्कृष्टता को बहुत महत्व दिया। भारतीय सेना का कहना है कि वह इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता के साथ खड़ी है और नायब सूबेदार बलदेव सिंह की अदम्य भावना और कर्तव्य के प्रति समर्पण को सलाम करती है। बलिदान और सेवा की उनकी विरासत सैनिकों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
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Created On :   21 April 2025 8:27 PM IST