राजनीति: साइबर, अंतरिक्ष और मनोवैज्ञानिक मोर्चों पर भी युद्ध लड़े जा रहे हैं राजनाथ सिंह

साइबर, अंतरिक्ष और मनोवैज्ञानिक मोर्चों पर भी युद्ध लड़े जा रहे हैं  राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि आजकल युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि साइबर, अंतरिक्ष, सूचना और मनोवैज्ञानिक मोर्चों पर भी लड़े जा रहे हैं। ऐसे में सैनिकों का मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है, क्योंकि राष्ट्र की रक्षा केवल हथियारों से नहीं, बल्कि मजबूत व्यक्तित्व, जागरूक चेतना और आत्मबोध से भी की जाती है।

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि आजकल युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि साइबर, अंतरिक्ष, सूचना और मनोवैज्ञानिक मोर्चों पर भी लड़े जा रहे हैं। ऐसे में सैनिकों का मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है, क्योंकि राष्ट्र की रक्षा केवल हथियारों से नहीं, बल्कि मजबूत व्यक्तित्व, जागरूक चेतना और आत्मबोध से भी की जाती है।

ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि आज युद्ध के लगातार बदलते स्वरूप से निपटने के लिए हमारे सैनिकों को जहां युद्ध कौशल में निपुण होना चाहिए, वहीं मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक सशक्तीकरण में भी समान रूप से दक्ष होना चाहिए। एक सैनिक के लिए शारीरिक शक्ति तो जरूरी है ही, साथ ही मानसिक शक्ति भी उतनी ही जरूरी है। सैनिक कठिन परिस्थितियों में अपना कार्य करते हुए राष्ट्र की रक्षा करते हैं। कठिन परिस्थितियों की चुनौतियों पर एक मजबूत आंतरिक ऊर्जा के जरिए काबू पाया जाता है।

उन्होंने कहा कि लंबे समय तक तनाव, अनिश्चितता और कठिन परिस्थितियों में काम करने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिसके लिए आंतरिक तौर पर स्वयं को मजबूत करने की जरूरत है। सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ब्रह्माकुमारीज का अभियान इस दिशा में एक सराहनीय कदम है। वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह पहल सैनिकों के मन को और मजबूत करेगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि ध्यान, योग, सकारात्मक सोच और आत्म-संवाद के माध्यम से आत्म-परिवर्तन हमारे वीर सैनिकों को मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करेगा। आत्म-परिवर्तन बीज है, राष्ट्र-परिवर्तन उसका फल है। वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भारत यह संदेश दे सकता है कि आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा एक साथ संभव है।

उन्होंने आध्यात्मिकता और योग को देश की संस्कृति में समाहित बताते हुए कहा कि यह मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और तनाव, चिंता तथा भावनात्मक उथल-पुथल से निपटने का सबसे बड़ा साधन है। सतर्क और मजबूत सुरक्षाकर्मी राष्ट्र के लिए प्रकाश स्तंभ बन जाते हैं, जो किसी भी तूफान का डटकर सामना कर सकते हैं।

उन्होंने आवासीय, क्षेत्रीय और ऑनलाइन कार्यक्रमों और विशेष अभियानों के माध्यम से सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए ब्रह्माकुमारीज संगठन की सुरक्षा सेवा शाखा की सराहना की।

रक्षा मंत्री की उपस्थिति में रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग और ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय के राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान फाउंडेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य पूर्व सैनिक और अंशदायी स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करने और दवाओं पर निर्भरता कम करने की दिशा में मार्गदर्शन करना है।

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Created On :   21 April 2025 5:31 PM IST

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