राजनीति: संस्कृत भाषा के ज्ञान के लिए दिल्ली में विशेष शिविर का आयोजन, लोगों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा  

संस्कृत भाषा के ज्ञान के लिए दिल्ली में विशेष शिविर का आयोजन, लोगों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा  
लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने के लिए द‍िल्‍ली में 23 अप्रैल से 3 मई तक विशेष शिविर का आयोजन क‍िया जाएगा। इस शिविर में लोगों को निशुल्क संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाएगा।

नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने के लिए द‍िल्‍ली में 23 अप्रैल से 3 मई तक विशेष शिविर का आयोजन क‍िया जाएगा। इस शिविर में लोगों को निशुल्क संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाएगा।

संस्कृत भारती संस्‍था के अखिल भारतीय संगठन मंत्री, "जयप्रकाश ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, संस्कृत ने हमें वेद, उपनिषद, पुराण और अन्‍य महाकाव्य प्रदान क‍िए। इसने केवल भारत को नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व को ज्ञान-विज्ञान और साहित्य की अमूल्य धरोहर प्रदान की। इस गौरवशाली इत‍िहास से जनमानस को जोड़ने और संस्कृत को पुनः जन-जन की भाषा बनाने के उद्देश्य से इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत की जा रही है।"

उन्होंने बताया, "संस्कृत भारती द्वारा यह भव्य संस्कृत संभाषण शिविर अभियान 23 अप्रैल से 3 मई तक पूरे दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए कुल 850 स्थानों का पंजीकरण किया गया है। इसमें 103 सरकारी संस्थाएं हैं, जिसमें महाविद्यालय, विश्वविद्यालय आद‍ि शामिल हैं। इसके अलावा आश्रम, आरडब्ल्यूएक्स सोसाइटी, धर्मशाला, आर्य समाज मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, गुरुकुल पंजीकृत किए गए हैं। ये सभी स्थान निशुल्क उपलब्ध हैं। यह कोई सामान्य आयोजन नहीं, बल्कि एक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आंदोलन है। एक चेतना को जन-जन तक पहुंचाने का यज्ञ है।"

शिविर की विशेषता के बारे में उन्होंने बताया, "इस विशेष शिविर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह दिल्ली के 1008 स्थानों पर एक साथ आयोजित किए जाएंगे, जिससे लाखों लोगों को एक साथ संस्कृत के सान्निध्य का अवसर मिलेगा। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी आयु वर्ग, पृष्ठभूमि या शैक्षिक स्तर का हो, केवल 20 घंटे यानी प्रत्येक दिन 2 घंटे के लिए 10 दिनों तक भाग लेकर संस्कृत बोलना सीख सकता है। यह उन सभी नागरिकों के लिए भारतीय संस्कृति से जुड़ने, अपनी भाषा को समझने और बच्चों को इस दिशा में प्रेरित करने का एक स्वर्णिम अवसर है। इन शिविरों में न केवल भाषा सिखाई जाएगी, बल्कि संस्कृत के माध्यम से भारतीय संस्कृति, नैतिकता, परिवार और समाज के मूल्यों को भी उजागर किया जाएगा।"

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Created On :   16 April 2025 8:46 PM IST

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