राजनीति: भाजपा एमएलसी संजय केनेकर ने कहा, सरकार कर रही खुल्‍दाबाद और दौलताबाद का नाम बदलने की तैयारी

भाजपा एमएलसी संजय केनेकर ने कहा, सरकार कर रही खुल्‍दाबाद और दौलताबाद का नाम बदलने की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय केनेकर ने कहा है कि राज्य सरकार खुल्‍दाबाद और दौलताबाद के नाम बदलने का प्रस्ताव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी नगर के खुल्‍दाबाद को ‘रत्नापुर’ के नाम से जाना जाना चाहिए, और इस ऐतिहासिक स्थान पर छत्रपति संभाजी महाराज का एक विशाल स्मारक भी बनाया जाएगा।

मुंबई, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय केनेकर ने कहा है कि राज्य सरकार खुल्‍दाबाद और दौलताबाद के नाम बदलने का प्रस्ताव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी नगर के खुल्‍दाबाद को ‘रत्नापुर’ के नाम से जाना जाना चाहिए, और इस ऐतिहासिक स्थान पर छत्रपति संभाजी महाराज का एक विशाल स्मारक भी बनाया जाएगा।

संजय केनेकर ने कहा, “मुगलों ने हमारे पूर्वजों का इतिहास मिटाने की कोशिश की थी। अब समय है कि हम अपना इतिहास संजोएं और आने वाली पीढ़ियों को बताएं कि धर्म और संस्कृति की रक्षा कैसे की जाती है। स्मारक का उद्देश्य बच्चों को वीरता और त्याग की कहानी बताना है।”

वक्फ संशोधन बिल को लेकर एमएलसी संजय केनेकर ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे को खुद नहीं पता कि उन्हें क्या करना है। स्टैंड हमने लिया है। हमने यह बिल दोनों सदनों से पास करवाया और दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया।”

संजय केनेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “यह योजना गरीब और गैर-संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी रही है। इस योजना ने छोटे व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है।”

इसके साथ ही, महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने घोषणा की है कि सरकार खुल्‍दाबाद का नाम बदलने जा रही है। उन्होंने बताया कि खुल्‍दाबाद का नाम जल्द ही 'रत्नापुर' किया जाएगा। यह निर्णय मुगल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र को लेकर हुए विवाद के बाद लिया गया है। उल्लेखनीय है कि औरंगज़ेब की कब्र खुल्‍दाबाद क्षेत्र में ही स्थित है।

छत्रपति संभाजीनगर के संरक्षक मंत्री शिरसाट ने स्पष्ट किया कि सरकार वास्तव में नाम नहीं बदल रही, बल्कि पुराने ऐतिहासिक नाम को पुनः बहाल कर रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पहले रत्नापुर के नाम से जाना जाता था और सरकारी दस्तावेजों में भी यही नाम दर्ज है। मुगल काल में इसका नाम बदल दिया गया था, और अब हम सिर्फ उस मूल नाम को वापस ला रहे हैं। यह एक आधिकारिक सुधार की प्रक्रिया है।

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Created On :   8 April 2025 9:32 PM IST

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