राजनीति: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे का डिस्पोजल नहीं होना चाहिए कांग्रेस

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे का डिस्पोजल नहीं होना चाहिए  कांग्रेस
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड संयंत्र के रासायनिक कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने की चल रही तैयारी के बीच जनप्रतिनिधियों ने वैज्ञानिक तौर पर परीक्षण कराने की मांग की है। इस मामले पर गुरुवार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बीच बातचीत भी हुई।

इंदौर, 2 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड संयंत्र के रासायनिक कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने की चल रही तैयारी के बीच जनप्रतिनिधियों ने वैज्ञानिक तौर पर परीक्षण कराने की मांग की है। इस मामले पर गुरुवार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बीच बातचीत भी हुई।

यूनियन कार्बाइड संयंत्र में जमा रासायनिक कचरे को कंटेनरों के जरिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पीथमपुर लाया गया है। यहां की रामकी इंडस्ट्री में कचरे को जलाया जाना है। कचरा जलाए जाने की तैयारी के बीच जनप्रतिनिधियों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुरुवार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात की। इन नेताओं ने अन्य जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत करने के बाद रासायनिक कचरा जलाए जाने को लेकर वैज्ञानिक परीक्षण करने की मांग उठाई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सुमित्रा महाजन से मुलाकात के बाद कहा कि पीथमपुर में कचरे का डिस्पोज़ल नहीं होना चाहिए। यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह भाजपा और कांग्रेस के राजनेताओं की ज़िम्मेदारी है कि इसका हल निकालें।

उन्होंने पूर्व में पीथमपुर में ही 10 टन कचरा जलाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय इंडस्ट्री में कचरा जलाया गया था, उससे पांच से सात किलोमीटर के दायरे में फसल को नुकसान पहुंचा है। अब इतनी बड़ी मात्रा में कचरा जलाए जाने से इंदौर को नुकसान होने की आशंका है। भूमिगत जल प्रदूषित हो सकता है। अब भारी मात्रा में इतना कचरा नष्ट किया जाएगा तो आसपास के एरिया में जो इलाकों में जो फसलें उगती हैं, उन पर क्या असर आएगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि कुछ किलोमीटर दूर यशवंत सागर है। इसका पानी इंदौर शहर की जनता पीने में उपयोग करती है। आज से पांच साल बाद यह पानी कितना खराब होगा, यह बड़ा सवाल है। इसलिए कचरा जलाए जाने से पहले वैज्ञानिक परीक्षण जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा कि कचरा जलाए जाने का कितना असर होगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं है। विशेषज्ञों को सही तरीके से राय लेना चाहिए और जनता के सामने पूरी हकीकत रखनी चाहिए। हम कोरोना की याद करें तब किसी को अंदाज़ा नहीं था कि इसका कितना असर होगा और अपने बीच में से ही कई लोग चले गए।

लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने कहा कि सबसे पहले यह समझना होगा कि यह राजनीतिक मामला नहीं है। यहां के लोगों से जुड़ा मामला है। यूनियन कार्बाइड की गैस त्रासदी जब याद आती है तो रूह कांप जाती है। जो भी सरकार हो, उसे जनहित के दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए क्योंकि सरकार भी जनता की चुनी हुई होती है। रामकी इंडस्ट्री में कचरा जलाया जाएगा, उससे नुकसान नहीं होगा, यह भी कहा नहीं जा सकता। विशेषज्ञों से चर्चा करना चाहिए।

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Created On :   2 Jan 2025 6:47 PM IST

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