समाज: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को हम सुधारात्मक प्रणाली के रूप में देखते हैं सूफी शकील अहमद कादरी

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को हम सुधारात्मक प्रणाली के रूप में देखते हैं  सूफी शकील अहमद कादरी
वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 के लिए जेपीसी का गठन किया गया है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों को शामिल किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जारी सियासत के बीच, मटका शाह दरगाह के चीफ सूफी शकील अहमद कादरी ने आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने इस बिल को सुधारात्मक प्रणाली बताया है।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 के लिए जेपीसी का गठन किया गया है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों को शामिल किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जारी सियासत के बीच, मटका शाह दरगाह के चीफ सूफी शकील अहमद कादरी ने आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने इस बिल को सुधारात्मक प्रणाली बताया है।

सूफी शकील अहमद कादरी ने कहा कि, "वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को हम सुधारात्मक प्रणाली के रूप में देखते हैं। वक्फ की संपत्तियों का हाल बेहाल है, पिछली सरकारों ने इसकी तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया। वक्फ की संपत्ति को हमेशा से दूसरे लोगों ने ही इस्तेमाल किया है।"

उन्होंने कहा कि, "हमारे बुजुर्गों ने कौम की खिदमत करने, कौम और मानवता को आगे बढ़ाने के लिए अपनी संपत्ति दी थी। लेकिन, पिछली सरकार ने इसका सही इस्तेमाल नहीं किया। इसलिए हमें लगता है कि मोदी सरकार की ओर से उठाया जा रहा कदम कामयाबी की पहल हो सकती है। इस्लाम धर्म में आज जो तकरार देखी जाती है, वह न सिर्फ सिया और सुन्नी की है, बल्कि देवबंदी और बरेलवी के बीच भी तकरार शुरू हो चुकी है। जितनी भी सरकारें आती हैं, वह वक्फ बोर्ड में ऐसे लोगों को चेयरमैन बनाती हैं, जो दरगाह के खिलाफ होते हैं, दरगाह को नहीं मानते।"

उन्होंने कहा कि, "वक्फ बोर्ड की ऐसी कई जमीनें हैं, जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसे लेकर पिछली सरकार और मुस्लिम समाज के लोगों को खुद सोचना चाहिए था। इतने वक्त से मुस्लिम समाज के लोग आखिर कहां थे? क्या आपकी प्रॉपर्टी को लेकर कोई सरकार ही दखलअंदाजी करेगी? क्या आप कुछ नहीं कर सकते, क्या आप एकजुट नहीं हो सकते? क्या आप इसका सही इस्तेमाल नहीं कर सकते?"

मालूम हो कि, सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए जेपीसी का गठन किया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को जेपीसी में शामिल लोकसभा के 21 सांसदों के नाम बताए। जेपीसी में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य को शामिल किया गया है।

गुरुवार को किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया था। इस बिल को मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी बताया गया है। हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिल मुस्लिमों के हितों पर कुठाराघात करेगा, जबकि भाजपा का दावा है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में है।

दूसरी ओर, विपक्ष केंद्र सरकार के इस कदम को संविधान पर प्रहार बता रहा है। अब जिस तरह से मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस बिल को लेकर किरेन रिजिजू से मुलाकात की और समर्थन देने की बात कही, उससे सियासी हलचल तेज हो गई है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   10 Aug 2024 3:48 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story