राजनीति: दिल्ली विधानसभा चुनाव जाति, जनसंख्या और क्षेत्रीय आधार पर कैसा रहा भाजपा का प्रदर्शन, समझें गणित

दिल्ली विधानसभा चुनाव  जाति, जनसंख्या और क्षेत्रीय आधार पर कैसा रहा भाजपा का प्रदर्शन, समझें गणित
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। इस चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस का खाता नहीं खुला। चुनाव परिणाम को लेकर एक विस्तृत विश्लेषण सामने आया है, जिसमें भाजपा की सफलता को विभिन्न श्रेणियों के आधार पर परखा गया है। भाजपा ने जाति, जनसंख्या, क्षेत्रीयता और मतदाता समूहों के हिसाब से अपनी स्थिति मजबूत की है। आइए, इस प्रदर्शन का करते हैं विश्लेषण।

नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। इस चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस का खाता नहीं खुला। चुनाव परिणाम को लेकर एक विस्तृत विश्लेषण सामने आया है, जिसमें भाजपा की सफलता को विभिन्न श्रेणियों के आधार पर परखा गया है। भाजपा ने जाति, जनसंख्या, क्षेत्रीयता और मतदाता समूहों के हिसाब से अपनी स्थिति मजबूत की है। आइए, इस प्रदर्शन का करते हैं विश्लेषण।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 12 अनुसूचित जाति (एससी) और 22 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से 4 अनुसूचित जाति (एससी) और 16 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। जनसंख्या के आधार पर अगर हम विश्लेषण करें तो जहां ओबीसी समाज की आबादी 10 फीसदी से अधिक है, भाजपा ने वहां 7 सीटों पर जीत हासिल की।

इसके अलावा, जाति आधारित विश्लेषण में भाजपा ने 10 प्रत‍िशत से अधिक सिख, पंजाबी, गुज्जर, जाट, वाल्मीकि और जाटव जैसे विभिन्न जाति समूहों वाले इलाकों में बड़ी सफलता प्राप्त की। सिख मतदाताओं वाले 4 सीटों में से भाजपा ने 3 सीटों पर जीत हासिल की। पंजाबी मतदाताओं वाले 28 सीटों में से भाजपा ने 23 सीटों पर जीत दर्ज की। गुज्जर मतदाताओं वाले 5 सीटों में से भाजपा ने 2 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, जाट मतदाताओं वाले 13 सीटों में से 11 सीटों पर, वाल्मीकि मतदाताओं वाले 9 सीटों में से 4 सीटों पर जीत और जाटव मतदाताओं वाले 12 सीटों में से 6 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की।

इसके अलावा, भाजपा ने पूर्वांचली, हरियाणवी और उत्तराखंडी उम्मीदवारों को भी जगह दी थी। भाजपा से 6 में से 4 पूर्वांचली उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। वहीं, 14 में से 12 हरियाणवी और 3 में से 2 उत्तराखंडी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। भाजपा ने ऐसे क्षेत्रों में भी मजबूत प्रदर्शन किया, जहां पूर्वांचली और हरियाणवी मतदाता अधिक हैं। 35 सीटों पर जहां 15 फीसदी से अधिक पूर्वांचली मतदाता थे, भाजपा ने 25 सीटों पर विजय पाई और 13 ऐसी सीटें जहां 5 फीसदी से अधिक हरियाणवी मतदाता थे, वहां भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की।

दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 22 ऐसी सीटें, जिसकी सीमा हरियाणा और यूपी से लगी हैं और जहां हरियाणा और यूपी के लोगों का प्रभाव है, उनमें से 15 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं। झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया। दिल्ली के 7 झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में से 4 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की, इनमें तिमारपुर, बादली, नई दिल्ली और आरके पुरम विधानसभा सीट शामिल हैं।

इस चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन की अगर हम बात करें, तो कांग्रेस ने 3 सीटों पर टॉप 3 में जगह नहीं बना पाई। ये सीटें महरौली, ओखला और मुस्तफाबाद थीं। हालांकि, 14 ऐसी सीटों रहींं, जहां कांग्रेस का प्रभाव देखने को मिला। इन सीटों पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ दिया। इनमें तिमारपुर, बादली, नांगलोई जाट, मादीपुर, राजेंद्र नगर, नई दिल्ली, जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, महरौली, छतरपुर, संगम विहार, ग्रेटर कैलाश और त्रिलोकपुरी शामिल हैं।

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Created On :   8 Feb 2025 11:27 PM IST

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