स्वास्थ्य/चिकित्सा: बाहर खेलने का टाइम बढ़ाने से बच्चों को मिल सकती है सेडेंटरी लाइफस्टाइल से निजात
नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। एक शोध के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग और होमवर्क को सीमित करते हुए बच्चों के बाहर खेलने के समय को बढ़ाने वाले चीन के हालिया कानून ने बच्चों में बढ़ते सेडेंटरी लाइफस्टाइल से लड़ने में मदद की है।
माना जाता है कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा करता है।
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि चीन की सरकार ने इस आयु वर्ग के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को प्रतिबंधित करने के लिए कानून पेश किया है। साथ ही स्कूल के शिक्षकों ने होमवर्क को भी कम कर दिया है। इसके साथ ही निजी ट्यूशन को भी कम कर दिया गया है।
इन उपायों से गतिहीन जीवन में रोजाना 13.8 प्रतिशत की गिरावट आई, जो इस शारीरिक रूप से निष्क्रिय मोड में प्रतिदिन बिताए गए 45 मिनट से अधिक के बराबर है।
मोबाइल फोन, हैंडहेल्ड गेम कंसोल, टैबलेट, टेलीविजन और कंप्यूटर से जुड़े गेम कंसोल का उपयोग करने सहित औसत दैनिक स्क्रीन देखने का समय 6.4 प्रतिशत (10 मिनट) कम हो गया।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियरल न्यूट्रिशन एंड फिजिकल एक्टिविटी में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि ये उपाय प्रभावी साबित हुए हैं, और यह विश्व स्तर पर बच्चों की शारीरिक और मानसिक भलाई में सुधार लाने के उद्देश्य से भविष्य की नीतियों और उपायों को विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी के स्कूल फॉर पॉलिसी स्टडीज में व्यायाम, पोषण और स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र से डॉ. बाई ली ने कहा, "परिणाम रोमांचक हैं, इस प्रकार के हस्तक्षेप की कोशिश पहले कभी नहीं की गई।''
मुख्य लेखक ने कहा कि परंपरागत रूप से, बच्चों और उनके माता-पिता या देखभाल करने वालों को अपने व्यवहार में बदलाव करने के लिए छोड़ दिया गया था, जो वास्तव में कभी काम नहीं आया।
''लेकिन नए उपायों ने "ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, स्कूलों और निजी ट्यूशन कंपनियों को अनुपालन करने" की जिम्मेदारी सौंपने में मदद की।''
बाई ने कहा, ''यह दृष्टिकोण अधिक प्रभावी है। इसका उद्देश्य उस वातावरण में सुधार करना है जिसमें बच्चे और किशोर रहते हैं और एक स्वस्थ जीवन शैली का समर्थन करते है।''
ये नियम लागू होने से पहले और बाद में 2020 और 2021 में चीन के 14 शहरों के 31 शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के 7,000 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों से एकत्र किए गए निगरानी डेटा पर आधारित थे।
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Created On :   13 May 2024 2:53 PM IST