व्यापार: भारत में एमएंडए और पीई डील पहली तिमाही में 204 प्रतिशत बढ़ी रिपोर्ट

भारत में एमएंडए और पीई डील पहली तिमाही में 204 प्रतिशत बढ़ी  रिपोर्ट
भारत में 2025 की पहली तिमाही में विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) और प्राइवेट इक्विटी (पीई) डील्स की वैल्यू में सालाना आधार पर बड़ा 204 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। जनवरी-मार्च अवधि में 67 डील हुई हैं और इनकी वैल्यू 5.3 बिलियन डॉलर रही है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट में दी गई।

नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में 2025 की पहली तिमाही में विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) और प्राइवेट इक्विटी (पीई) डील्स की वैल्यू में सालाना आधार पर बड़ा 204 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। जनवरी-मार्च अवधि में 67 डील हुई हैं और इनकी वैल्यू 5.3 बिलियन डॉलर रही है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में 100 मिलियन डॉलर से अधिक के छह हाई-वैल्यू लेन-देन भी हुए, जिनकी कुल वैल्यू 4.3 बिलियन डॉलर थी। पिछली तिमाही में 100 मिलियन डॉलर से अधिक की केवल चार डील हुई थी और इनकी वैल्यू 534 मिलियन डॉलर थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि यह रुझान निवेशकों के बीच नए सिरे के आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत को पूंजी निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के विशाल अग्रवाल ने कहा, "वैश्विक चुनौतियों और पूंजी बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारत की विकास दर आशाजनक बनी हुई है। बजट 2025 में विनियामक सरलीकरण और सहयोगात्मक विकास पर जोर दिए जाने के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी, जिससे नए सिरे से पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।"

2025 की पहली तिमाही में एमएंडए सेगमेंट में 28 डील हुई हैं और इनकी वैल्यू 4 अरब डॉलर से अधिक थी। तिमाही आधार पर यह डील वॉल्यूम का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा और वैल्यू का तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।

पीई सेगमेंट में मार्च तिमाही में 37 डील हुई हैं और इनकी वैल्यू करीब एक अरब डॉलर रही। पिछली तिमाही के मुकाबले डील वैल्यू में 2 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि पूंजी बाजारों ने 2025 की पहली तिमाही में सुस्त प्रदर्शन किया, जिसमें आईपीओ गतिविधि में कमी देखी गई। इस दौरान 316 मिलियन डॉलर के कुल दो क्यूआईपी जारी हुए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिक बाजार गतिविधि में मंदी से पता चलता है कि कंपनियां प्रतीक्षा और निगरानी का दृष्टिकोण अपना रही हैं और संभावित रूप से अधिक अनुकूल बाजार स्थितियों के लिए लिस्टिंग और पूंजी जुटाने को टाल रही हैं।

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Created On :   24 April 2025 7:35 PM IST

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