राजनीति: पीएम मोदी के मन की बात का 121वां एपिसोड प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा अरुण साव

रायपुर, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 121वें एपिसोड को संबोधित किया। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर में अपने साथियों के साथ 'मन की बात' सुनी।
इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में पहलगाम हमले और दंतेवाड़ा के बारे में जिक्र' करने पर कहा कि पीएम मोदी ने आज पहलगाम की घटना को लेकर देश के सामने अपनी बातें रखीं। साथ ही पीएम मोदी ने कस्तूरी रंगन के योगदान और दंतेवाड़ा के साइंस सेंटर की चर्चा भी की। यह निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। पीएम मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनता से 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पेड़ लगाने की अपील की है। अरुण साव ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी मन की बात कार्यक्रम प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा है।
'पहले दंतेवाड़ा का नाम हिंसा और नक्सली के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहां तेजी से विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री लगातार अपने मन की बात में छत्तीसगढ़ के विकास का जिक्र कर रहे हैं'। इस सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर में शांति स्थापित हो रही है। बस्तर विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने दंतेवाड़ा के साइंस सेंटर की चर्चा की है। नक्सल उन्मूलन अभियान जो चल रहा है, उसका बड़ा असर स्पष्ट रूप से बस्तर में देखने को मिल रहा है।
बता दें कि पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के तहत देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हमारे 140 करोड़ नागरिक हैं, उनकी योग्यता है, उनकी इच्छाशक्ति है। जब करोड़ों लोग एक साथ किसी अभियान से जुड़ते हैं, तो उसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है। इसका एक उदाहरण 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान है।
पीएम मोदी ने कहा कि 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर इस अभियान के एक साल पूरे हो रहे हैं। इस एक साल में इस अभियान के तहत देश-भर में मां के नाम पर 140 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं। भारत की इस पहल को देखते हुए, देश के बाहर भी लोगों ने अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाए हैं। आप भी इस अभियान का हिस्सा बनें, ताकि एक साल पूरा होने पर, अपनी भागीदारी पर आप गर्व कर सकें।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का विज्ञान केंद्र आजकल सबका ध्यान खींच रहा है। कुछ समय पहले तक दंतेवाड़ा का नाम केवल हिंसा और अशांति के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहां, एक साइंस सेंटर, बच्चों और उनके माता-पिता के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है।
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Created On :   27 April 2025 12:53 PM IST